यूपी के बाराबंकी में अतिक्रमण पर एक्शन, देर रात हटाई गई सड़क के बीच बनी मजार

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा सड़क के आसपास मौजूद सभी धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश का पालन शुरू हो चूका है. बाराबंकी में तहसील फतेहपुर में सड़क के बीच बनी पकरिया के पेड़ वाली मजार को आधी रात देर हटा दिया गया है.

बाराबंकी के फतेहपुर में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इस मजार को आधी रात में हटाया गया और ईदगाह मैदान में मजार को शिफ्ट किया गया है. हालांकि, अभी मजार का ढांचा सिर्फ ईद के मैदान में रख दिया गया उसको पूरी तरह से दफनाया नहीं गया है. इस मजार को हटाने से पहले तहसील प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों से बात की और उनकी रजामंदी के बाद इस मजार को सड़क के बीच से हटाया गया है. मौके पर तहसील फतेहपुर के एसडीएम, सीओ और भारी पुलिस बल मौजूद थे.

हालांकि,  वहाँ के कुछ स्थानीय लोगों ने मजार के हटाने पर एतराज भी जताया था. स्थानीय निवासी मोहम्मद फारूक और  मास्टर माही नूर ने मजार हटाने पर कहा कि बचपन से हम लोग ये मजार देख रहे हैं. ये एक शहीद की मजार है. कभी कोई दिक्कत नहीं हुई है. जाम तो इसलिए … लगता है कि लोग अपनी दुकानों और मकानों का छज्जा बनवाये हुए हैं. अक्सर ट्रक और बस इन दुकानों और मकानों के छज्जों से लड़ जाते हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री ने सड़क के बीच और किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने का आदेश दिया था जिसके चलते बाराबंकी जिले में ये पहली कार्रवाई हुई है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने गुरुवार को इस संबंध में सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिया था. निर्देश में यह बताया गया था कि धार्मिक स्थलों के नाम पर किए गए अतिक्रमण हटाए जाएं. राज्य के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सड़क किनारे बने सभी धार्मिक स्थलों को हटाने के निर्देश दिये थे.

सड़क किनारे धार्मिक स्थलों के नाम पर किए गए अतिक्रमणनिर्देश में यह बताया गया था कि धार्मिक स्थलों के नाम पर किए गए अतिक्रमण हटाए जाएं. राज्य के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सड़क किनारे बने सभी धार्मिक स्थलों को हटाने के निर्देश दिये थे कि सड़क के किनारे धार्मिक स्थलों के नाम पर किए गए अतिक्रमण हटाए जाएंगे. इस मामले पर सभी जिलाधिकारियों से 14 मार्च तक रिपोर्ट तलब की गई है, जिसमें जिले के अधिकारियों को ये बताना होगा कि आदेश के बाद कितने सार्वजनिक स्थलों को धार्मिक अतिक्रमण से खाली करवाया गया.