एजेंसी:-एक नायक मेरठ के कोतवाल रहे धन सिंह गुर्जर भी हैं, जिन्होंने अंग्रेजों की जेल तक को फूंक दी थी। उन्हें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 1857 की क्रांति की बरसी के मौके पर मेरठ पहुंचकर नमन किया।
भारत की स्वतंत्रता के आंदोलन की पहली चिंगारी 1847 में फूटी थी और इसकी पहली तपिश मेरठ में हु दिखी थी। उस क्रांति के जननायकों में मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब पेशवा, तांत्या टोपे और बहादुरशाह जफर जैसे लोगों के नाम लिए जाते हैं। लेकिन कुछ गुमनाम नायक भी थे, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व को न्योछावर किया था।
ऐसे ही एक नायक मेरठ के कोतवाल रहे धन सिंह गुर्जर भी हैं, जिन्हें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 1857 की क्रांति की बरसी के मौके पर जाकर नमन किया। उन्होंने धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि को अर्पित कर नमन किया। कोतवाल धन सिंह गुर्जर वह शख्स थे, जिन्होंने अंग्रेजों की जेल से 900 लोगों को छुड़ाया था, जो की आंदोलन का हिस्सा बने थे। आइए जानते हैं, की अमर बलिदानी की पूरी कहानी…
1857 की क्रांति के दौरान ही धन सिंह गुर्जर मेरठ के सदर बाजार थाने के कोतवाल थे। उन्होंने योजना के तहत शाम से ही हजारों की भीड़ जुटानी शुरू कर दी थी। जब तक अंग्रेज अफसर कुछ समझ पाते, तब तक काफी ही देर हो चुकी थी। धन सिंह गुर्जर अपने इरादे के बहुत पक्के थे और अपने अभियान पर निकल चुके थे। रातों-रात धन सिंह कोतवाल पुलिस की वर्दी में घोड़े पर चढ़कर विक्टोरिया पार्क की जेल तक पहुंचते हैं और जेल से 85 सैनिकों को छुड़ा देते हैं। यही नहीं जेल के द्वार को भी तोड़ डालते हैं, जिससे 836 कैदी भी बाहर निकल आते हैं। फिर इन सभी लोगों ने क्रांति में हिस्सा लिया था।