गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने नर्मदा जिले के दडियापाड़ा में वन भाइयों को मुफ्त बांस वितरित किया और बांस आधारित कौशल विकास केंद्रों का उद्घाटन किया । वनवासियों को गुजरात सरकार बांस के बेहतर उत्पादों को बनाने की ट्रेनिग बांस आधारित कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से देगी ।
बांस आधारित उद्योग लगा कर वनवासी अतिरिक्त आय कमा सकें जिससे उनका जीवन स्तर उपर हो यह गुजरात सरकार की योजना है । बांस आधारित उत्पादों को बनाने की ट्रेंनिंग वनवासियों को विशेषज्ञों से दिलाई जाएगी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकल फॉर वोकल मिशन के अनुरुप गुजरात सरकार वैश्विक बाजार की मांग के मुताबिक इन वनवासियों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराएगी।
गुजरात में सालाना 20 करोड़ कीमत के 42 लाख बांसों का कटान हो सकता है । गुजरात सरकार 6000 वनवासी परिवारों को 30 समितियों के माध्यम से बांस आधारित कौशल विकास की ट्रेनिंग देने के कार्यक्रम पर काम कर रही है । वहीं 12 समितियों के माध्यम से 12,500 परिवारों को सीधे रोजगार मिल सकेगा । जबकि और 12 समितियों के माध्यम से 10,500 परिवारों को स्वावलंबी बनाया जाएगा ।
जबकि 22 समितियों को माध्यम से 1000 परिवारों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा । पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर अभी बांस आधारित कौशल विकास की ट्रेनिंग दक्षिण पुर्वी गुजरात के वनवासियों को दी जा रही है । जिसका लाभ उन्हें गरीबी से निकालने के लिए किया जा रहा है ।