नौकरी के लिए हर तरफ मारा मारी है। लोग नौकरियों के लिए अपनी डिग्रियां लिए अलग अलग कंपनियों के चक्कर लगाते दिखते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट में कहा गया कि छोटी नौकरियों में भी हाई क्वालीफाई लोग अप्लाई कर रहे हैं।
किसी भी चुनाव का मुद्दा बेरोजगारी, शिक्षा रहता है। 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को जिस तरह से हार मिली, उसको लेकर कहा गया कि युवा सरकार से खुश नहीं थे। अब युवाओं को खुश करने और रोजगार देने के लिए यूपी सरकार ने एक नई रणनीति बनाई है। योगी सरकार ने 2027 तक एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है।
कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य सरकार आर्थिक विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश के काम में तेजी ला सकती है। जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।
2027 तक 1 करोड़ नौकरियां
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ एक मीटिंग की। इस मीटिंग में रोजगार देने के लिए भी एक रूपरेखा तैयार की गई। औद्योगिक विकास विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि निवेश की जो रणनीति बनाई है वो सफल होती है तो एक करोड़ युवाओं के लिए रोजगार पैदा होंगे। इसके अलावा सरकार ने कई सरकारी विभागों में लाखों नौकरियां निकाली जाएंगी।
सरकार 2027 तक औद्योगिक विकास करने के लिए करीब 2,00,000 एकड़ भूमि अधिग्रहित करेगी। इन जमीनों पर ही नए उद्योगों की शुरुआत की जाएगी। ये रोजगार और आर्थिक विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी है। निवेश परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए सरकार ने कई प्लान तैयार किए हैं।
औद्योगिक विकास के अधिकारी का कहना है कि सरकार एक बार 2026 में एक ग्लोबल समिट का आयोजन कर सकती है। 2023 का समिट में सरकार को लगभग 38 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश मिला था। वहीं, 2024 फरवरी में 10 लाख करोड़ की परियोजनाएं शुरू की गई थी। आपको बता दें कि सरकार ने निवेश लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 6 सेक्टरों का चुनाव किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदेश की बेरोजगारी दर 2017-18 में 6.2 प्रतिशत थी। जो अब 2.4 प्रतिशत ही रह गई है। इसके अलावा उन्होंने महिला श्रम बल को लेकर कहा कि इसमें भी सुधार हुआ है।