वाणिज्य और उद्योग कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने आज आज सैन फ्रांसिसको में स्टैनफर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘भारत का अर्थ है अवसर’ उन्होंने कहा कि यह केवल भारत का दशक नहीं, बल्कि भारत की सदी है।
गोयल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों का कालखंड भारत ने एक ऐसी बुनियाद रखने में लगाया, जिसके आधार पर देश तेजी से बदल सके, अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ा सके, अपनी प्रणालियों में सुधार कर सके, प्रौद्योगिकी के साथ जुड़ सके और दुनिया की बेहतरीन चीजों से सीख ले सके। उन्होंने जोर देते हुये कहा कि भारत अपने हर नागरिक, देश में जन्म लेने वाले हर बच्चे के लिये बेहतर जिंदगी और उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिये जबरदस्त काम कर रहा है।
भारत का निर्यात पिछले वित्तवर्ष में ही 675 अरब यूएसडी को पार कर चुका था, जिसका उल्लेख करते हुये पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अब 2030 तक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को दो ट्रिलियन यूएसडी तक ले जाने की परिकल्पना कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत जब अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा, तब तक वह 30 ट्रिलियन यूएसडी की अर्थव्यवस्था बन चुका होगा। उन्होंने कहा कि यह केवल भारत का दशक नहीं, बल्कि भारत की सदी है।
India = Opportunities
It was a delight to visit @Stanford, interact with faculty, researchers & students and invite them to be part of aspirational India's journey.
Delved on transformational Govt. programmes & plans to unleash economies of scale.
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— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 6, 2022
तेजी से उद्यमी और स्टार्ट-अप चैम्पियन बनते भारतीय युवाओं पर भरोसा व्यक्त करते हुये गोयल ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति उदार शिक्षा को गति दे रही है तथा इसके तहत दुनिया के बेहतरीन शिक्षा संस्थानों के साथ सहयोग करने का प्रयास किया जा रहा है।
गोयल ने कहा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के भविष्य के परिकल्पना और योजना को आकार दिया है, जो कुछ ठोस प्रबंधन सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने एलईडी प्रकाश क्रांति का उदाहरण दिया और कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री ने निरंतरता सुनिश्चित करने, बिजली सेक्टर में हमारे निवेश के बोझ को कम करने और आम जन के बिजली के बिलों में कटौती लाने के लिये बिजली संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया था। इस तरह 2015 में एलईडी प्रकाश कार्यक्रम आरंभ हुआ।
एक अकेले कार्यक्रम से आने वाले भारी बदलाव को रेखांकित करते हुये गोयल ने कहा कि भारत अब ऐसे सैकड़ों परिवर्तनगामी कार्यक्रम बना रहा है। भारत की फिन-टेक सफलता का हवाला देते हुये श्री गोयल ने कहा कि सभी डिजिटल लेनदेन का लगभग 40 प्रतिशत आज भारत से बाहर हो रहा है, यहां तक कि छोटे विक्रेता भी डिजिटल भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। भारत की तरफ से विश्व को असाधरण अवसरों की पेशकश का उल्लेख करते हुये गोयल ने स्टैनफर्ड के छात्रों को आमंत्रित किया कि वे भारत के साथ जुड़ें और महान आकांक्षायें रखने वाले एक अरब से अधिक लोगों के साथ काम करें।