विघा और विवेक की देवी मां सरस्वती को इन मंत्रों के उचारण से कीजिए प्रसन्न

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    विघा और विवेक की देवी मां सरस्वती को इन मंत्रों के उचारणों से कीजिए प्रसन्न

    नई दिल्ली- इस साल 26 जनवरी गुरुवार को वसंत पंचमी का त्यौहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। वसंत पंचमी के पावन अवसर पर बुद्धि और विवेक की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। स्कूलों, कॉलेजों में तो इस दिन को एक पर्व की तरह मनाया जाता है। स्कूलों में इस दिन मां सरस्वती की पूजा कर उनसे ज्ञान का आर्शीवाद प्राप्त किया जाता है।

    इस दिन मां सरस्वती को पीले रंग के फूल अर्पित किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि पीला रंग मां का पसंदीदा रंग है। वैसे तो मां सरस्वती को सफेद रंग भी प्रिय है। मां सफेद रंग के वस्त्र धारण करती है, पर इस दिन पीले रंग का खास महत्व माना जाता है। साथ ही बुजुर्गों द्वारा भी इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग के वस्त्र पहनने की नसीहत दी जाती है।

    वसंत पंचमी पर इन चीजों का रखें खास ध्यान

    मां सरस्वती को स्थापित करने वाले स्थान को साफ-कर पहले वहां पीले रंग का कपड़ा बिछा ले, पीले रंग के कपड़े पर मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित करें। मां की प्रतिमा की स्थापना के बाद मां को पीले रंग के फूल, पीले रंग के वस्त्र अर्पण करें। जिसके बाद मां को पीले रंग की मिठाई यानी मोतीचूर के लड्डू या बेसन के लड्डू का ही भोग लगाये।

    इस श्लोक से करें मां सरस्वती को प्रसन्न

    साथ ही अगर आप पूजा के बाद इस श्लोक का उचारण करेंगें, तो मां आपसे अवश्य प्रसन्न होंगी और आपको बुद्धि और ज्ञान का आर्शीवाद देंगी।

    ॐ ऐं स्मृत्यै नमः।  या

    ॐ सरस्वत्यै विधमहे, ब्रह्मपुत्रयै धीमहि।

    तन्नो देवी प्रचोदयात।।

    आपको बता दें, ये दिन दान के लिए भी शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन गायों को चारा खिलाने या गौ सेवा से मां सरस्वती प्रसन्न होंती है। गौ में तो देवी-देवता वास करते हैं, तो इस दिन गौशाला में दान से तो मां आपसे अवश्य खुश होंगी और आप पर अपना आर्शीवाद बनाये रखेंगी।

    भूलकर भी ना करें ये काम

    साथ ही वसंत पंचमी पर ये कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए। वसंत पंचमी के इस पावन त्यौहार पर मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। मदिरा को बुद्धि का शत्रु कहा जाता है। इसके अलावा इस दिन आपको काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए। पेड़, पौधों की कटाई-छटाई या फूल तोड़ने को भी इस दिन अशुभ माना जाता है।

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