उत्पादन क्षेत्र में 50% तक वृद्धि, किसान आंदोलन ना होता तो ये प्रतिशत और बढ़ता!
देश में उत्पादन के क्षेत्र में इस साल 50% तक की वृद्धि देखने को मिली है। पिछले साल (2020- 2021) का उत्पादन दर 3.6 लाख करोड़ रुपये थी जो 2021-2022 में बढ़कर 5.4 लाख करोड़ रुपये पहुंच चूकी है। यानी देश की आर्थिक स्थिति पिछले साल से 50 प्रतिशत तक बेहतर हुई है। पर ये भी सच है कि अगर हरियाणा, पंजाब में किसान आंदोलन ना होता तो उत्पादन में और वृद्धि देखने को मिल सकती थी।
मोदी सरकार के अंतर्गत देश में हो रहे मजबूत आर्थिक सुधार
उत्पादन क्षेत्र में साल-दर-साल हुई लगभग 50% की वृद्धि।#IndianEconomyRebounds pic.twitter.com/OrwPINlrrs
— BJP (@BJP4India) September 2, 2021
किसान आंदोलन के कारण हरियाणा, पंजाब जैसे राज्य लगातार आर्थिक समस्याओं से गुजर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब के कई इलाकों की दुकानें और कुछ दिनों तक दिल्ली का सिंधु बॉर्डर भी बंद रहा, जिसके कारण कई लोगों की नौकरियां चली गई और व्यापारियों को अपनी दुकानों पर ताला लगाना पड़ा। इस आंदोलन के कारण पंजाब के फिरोजपुर में एक फैक्ट्री बंद होने से लगभग 400 लोगों की नौकरी चली गई। यहां तक की किसान आंदोलन के कारण पंजाब और हरियाणा की कई कारखानें बंद हो गए। पंजाब और हरियाणा के कई लोग सड़कों पर आ गए और दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए।
किसान आंदोलन पर भड़के बीजेपी सासंद
सांसद डॉ. अरविंद शर्मा ने किसानों और किसान नेताओं को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि ये किसान आंदोलन किसानों के लिए नहीं बल्कि टिकैत जैसे नेताओं के स्वार्थ को पूरा करने में लगा है। किसान आंदोलन के मंच पर कई नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हैं।