गर्मियों में आम के अलावा अगर किसी चीज का इंतजार रहता है, तो वो है लीची। यह एक ऐसा रसीला और मीठा फल है, जो काफी स्वादिष्ट होता है। स्वाद में इस मीठे फल का सेवन आप कई तरह से कर सकते हैं। इससे एनर्जी बढ़ाने के साथ-साथ कई तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। लेकिन हम में से कई लोग लीची खाने को लेकर अक्सर संदेह में रहते हैं कि आखिर लीची खाएं या नहीं? अगर आपको भी लीची खाने को लेकर किसी तरह का संदेह है, तो इस लेख में हम आपके इस संदेह को दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं डायबिटीज में लीची खा सकते हैं या नहीं?
लीची, जिसे “चीनी चेरी” के नाम से भी जाना जाता है। यह गर्मियों का काफी मीठा और रसीला फल है, जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। यह विटामिन सी, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन और पोटेशियम सहित आवश्यक विटामिन और खनिजों का एक बड़ा स्रोत है। लीची में फ्लेवोनोइड्स, शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं, जो शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं।
डायबिटीज में लीची खा सकते हैं या नहीं, तो आपको बता दें कि डायबिटीज एक क्रोनिक स्थिति है जो आपके शरीर में ग्लूकोज को संसाधित करने के तरीके को प्रभावित करती है, जिससे उच्च रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज से पीड़ित के शरीर में शुगर को कंट्रोल करना बहुत ही जरूरी होता है।
लीची एक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) फल है, जिसका अर्थ है कि इसका ब्लड शुगर के स्तर पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, कम जीआई खाद्य पदार्थ ब्लड में ग्लूकोज की धीमी और स्थिर रिहाई प्रदान करके डायबिटीज वाले लोगों को लाभ पहुंचाते हैं।
इसके अतिरिक्त, लीची में डायट्री फाइबर भरपूर रूप से होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। फाइबर ब्लड सर्कुलेशन में ग्लूकोज अवशोषण को धीमा कर देता है, जो रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि को रोकने में भी मदद करता है।