छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में आज़ादी के बाद पहली बार चुनचुना गांव को साफ पानी मिलने पर गांव के निवासी ने कहा कि पहले हमें दूर-दूर से पानी लाना पड़ता था। यहां नक्सलियों का प्रभाव भी था।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में आज़ादी के बाद पहली बार चुनचुना गांव को साफ पानी मिलने पर गांव के निवासी ने कहा कि पहले हमें दूर-दूर से पानी लाना पड़ता था। यहां नक्सलियों का प्रभाव भी था। सड़कें न होने की वजह से बोर नहीं खोदे जा सके। अब सड़कें बन गई हैं और हर घर में 24 घंटे पानी की आपूर्ति हो रही है। गांव के एक अन्य निवासी ने कहा कि पानी दूर-दूर से लाना पड़ता था। अब सरकार ने पानी उपलब्ध करा दिया है, तो हमें काफी राहत मिली है।
कुसमी विकासखंड के चुनचुना गांव को आजादी के बाद पहली बार जल जीवन मिशन योजना के तहत स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हुआ है। चुनचुना गांव, जो कभी नक्सल प्रभावित गांव था, बलरामपुर जिले में छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित है और इसकी आबादी करीब 100 घरों की है।
छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित बलरामपुर जिले के कुसमी विकासखंड के चुनचुना गांव में आजादी के 70 साल बाद पहली बार ग्रामीणों को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हुआ है। नक्सल प्रभावित रहे इस गांव में ग्रामीणों को पहले पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही थी। जल जीवन मिशन योजना के तहत यहां हर घर में नल कनेक्शन दिया गया, जिससे अब ग्रामीणों को पानी की समस्या से राहत मिल गई है।
जानकारी के मुताबिक जिले के कुसमी विकासखंड का चुनचुना गांव छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बसा हुआ है और यहाँ करीब 105 घरों की आबादी निवास करती है जो कभी नक्सलियों की दहशत में अपना जीवन जी रहे थे। सरहदी इलाका होने के कारण यहाँ नक्सलियों का खौफ हुआ करता था जिसके कारण गांव तक सरकार की कोई भी योजना खासतौर पर कारगर नही थी। लेकिन अब समय मे बदलाव आया है और उस क्षेत्र में तीन अलग-अलग जगहों पर फोर्स का कैम्प स्थापित किया गया है जिससे अब नक्सली बैकफुट पर है और गांव तक विकास के कई रास्ते भी खुलने शुरू हो गए हैं।
नक्सल प्रभावी क्षेत्र में विकास की नई रोशनी
चुनचुना गांव कभी नक्सलियों के खौफ में जीता था। सीमावर्ती इलाका होने के कारण यहां सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा था। लेकिन अब प्रशासन की सक्रियता और सुरक्षा बलों की तैनाती के चलते गांव में विकास के नए द्वार खुल रहे हैं। तीन अलग-अलग जगहों पर सुरक्षाबलों के कैंप स्थापित किए जाने से नक्सली गतिविधियां कम हुई हैं, जिससे अब सरकार की योजनाएं प्रभावी रूप से लागू हो रही हैं।
पहले पानी के लिए करना पड़ता था संघर्ष
गांव के करीब 100 घरों से अधिक की आबादी के लिए पहले पानी जुटाना किसी चुनौती से कम नहीं था। ग्रामीणों को दूर-दराज से पानी लाना पड़ता था, जिससे उन्हें भारी परेशानी होती थी। लेकिन अब जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर में नल लगने से इस समस्या का समाधान हो गया है।
पीएचई विभाग का दावा-अन्य गांवों में भी होगा विस्तार
पीएचई विभाग के जिला अधिकारी पंकज जैन ने बताया कि चुनचुना गांव में जल संकट को दूर कर दिया गया है। इसके अलावा, जिले के अन्य ग्रामीण इलाकों में भी जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से जल पहुंचाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। आने वाले समय में बलरामपुर के सभी ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ पेयजल से जोड़ा जाएगा।
ग्रामीणों में खुशी, सरकार का जताया आभार
नल से जल मिलने के बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर है। उन्होंने सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सुविधा उनके जीवन को आसान बना रही है। अब उन्हें पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और साफ पानी उनके घरों में ही उपलब्ध हो रहा है ।