बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा भी कहते हैं। यह त्योहार हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन माता सरस्वती की पूजा करने से विद्यार्थियों को ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है!
बसंत पंचमी हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है और इस दिन देवी सरस्वती की पूजा का विधान है। आइए जानते हैं, साल 2025 में बसंत पंचमी और सरस्वती पूजनोत्सव कब है, इस दिन का धार्मिक और ज्योतिष महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
बसंत पंचमी के दिन से ऋतु परिवर्तन होता है और ऋतुराज वसंत का आगमन होता है। वृक्ष पुराने पत्ते गिराकर नए कोंपल विकसित करते हैं। कोयल की कूक और महुआ सहित अन्य फूलों की सुरभि से सारा वातावरण महका रहता है। इसलिए बसंत पंचमी को प्रकृति का पर्व कहा गया है। इस दिन से सूर्य की किरणें तेज होनी शुरू होती है ताकि सोना के समान कनक फसल यानी गेहूं पक जाए और घर धन-धान्य से भर जाए। खेतों में सरसों के पीले फूलों की सुंदरता को बसंत पंचमी के पीले रंग के प्रतीक से जोड़ा जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है यानी यह साल के उन खास दिनों में है, जिस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति विशेष रूप से अनुकूल होती है। बसंत पंचमी के दिन चंद्रमा भी शुभ स्थिति में होते हैं, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है। इस दिन अनिवार्य रूप से पीले परिधान पहने जाते हैं, जो बृहस्पति ग्रह का प्रतीक है और इससे ज्ञान, शुभता और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। साल 2025 में माघ पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। इस साल सरस्वती पूजा रविवार 2 फरवरी को मनाई जाएगी। वहीं बहुत से लोग, उदयातिथि के आधार पर इसे 3 फरवरी को भी मनाएंगे। इस प्रकार साल 2025 में सरस्वती पूजा 2 दिन मनाई जा सकती है। इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती का एक नाम ‘श्री’ भी है, इसलिए इस दिन को ‘श्री पंचमी’ भी कहते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है। संगीत, कला और साहित्य से जुड़े लोग इस दिन विशेष पूजा करते हैं। स्टूडेंट्स यानी विद्यार्थियों के लिए यह बहुत ही खास दिन होता है। साल 2025 में सरस्वती पूजन के लिए 3 घंटे 26 मिनट का समय मिलेगा।
सरस्वती पूजा 2025 मुहूर्त: 9:14 AM से से 12:35 PM
विद्यारंभ का सही समय है सरस्वती पूजा
प्रचलित हिन्दू रिवाज और परंपराओं के अनुसार, सरस्वती पूजा का दिन बच्चों के अक्षरज्ञान, शिक्षा और विद्यारंभ, प्रशिक्षण आदि कार्यों को शुरू करने का एक बेहद शुभ दिन माना जाता है। साथ ही यह दिन पावन दिन नए कार्यों की शुरुआत, जैसे व्यवसाय, विद्यालय की स्थापना आदि के लिए भी शुभ माना जाता है।