रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के भरोसे 2047 तक ग्लोबल पावर बनेगा भारत भारत का डिफेंस सेक्टर में पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2025 तक 29 फीसदी और वित्त वर्ष 2030 तक 37 फीसदी बढ़ जाएगा। भारत की सरकार ने पिछले कुछ सालों में देश के रक्षा बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की है। देश में नीतियों में सुधार लाया गया है।
- भारत के रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ती यात्रा में अभूतपूर्व प्रगति हुई है! आत्मनिर्भर रक्षा के लक्ष्य के साथ, भारत रिकॉर्ड तोड़ रक्षा बजट, स्वदेशी हथियारों के विकास और वैश्विक स्तर पर हथियार निर्यात के माध्यम से अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत कर रहा है।
- 2013-14 से 2023-24 के बीच रक्षा बजट में 3 गुना से अधिक की वृद्धि!
वैश्विक स्तर पर ‘मेक इन इंडिया’ का जलवा! रक्षा निर्यात में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि। - मेक इन इंडिया का गौरव!
भारत अब अपनी रक्षा जरूरतों को स्वदेशी रूप से पूरा कर रहा है। - आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र को मिली गति! रक्षा उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि।
- आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम! स्वदेशी हथियारों से भारत का रक्षा क्षेत्र मजबूत हो रहा है।
- आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र को मिल रहा है अभूतपूर्व निवेश, जिससे भारत की रक्षा शक्ति मजबूत हो रही है!
भारत का रक्षा क्षेत्र आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है, भारत में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इनमें से कुछ कदम ये रहे:
- स्वदेशी विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया.
- रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों ने कई निर्णय लिए.
- कई सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां जारी की गईं.
- रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में निवेश और व्यवसाय के लिए स्टार्ट-अप और एमएसएमई को प्रोत्साहित किया गया.
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के कारण, भारत अब कई देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात भी कर रहा है.
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के कुछ और उदाहरण:
- भारत में ही अत्याधुनिक रक्षा उत्पाद बन रहे हैं, जैसे कि 155 मिमी आर्टिलरी गन सिस्टम ‘धनुष’, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ़्ट ‘तेजस’, सरफ़ेस टू एयर मिसाइल सिस्टम ‘आकाश’, मेन बैटल टैंक ‘अर्जुन’.
- भारत करीब 88 फ़ीसदी एम्युनिशन खुद ही बना रहा है.
- भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है.
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की वजह से रोज़गार के भी कई अवसर पैदा हुए हैं.