गौएँ स्वर्ग की सीढ़ियाँ हैं, गौएँ स्वर्गमें भी पूजी जाती हैं, गौएँ समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाली देवियाँ हैं, उनसे बढ़कर और कोई श्रेष्ठ वस्तु नहीं है।’
हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और इसकी सेवा करने की बात कही गई है. मान्यता है कि गाय की सेवा मात्र से व्यक्ति के जीवन के तमाम संकटों का अंत हो सकता है. यहां जानिए गाय से जुड़े कुछ उपायों के बारे में.
- ‘जिसके घर में बछड़े सहित एक भी गौ नहीं है, उसका मंगल कैसे होगा और उसके पापों का नाश कैसे होगा ?”
- ‘गौओं का सदा दान करना चाहिये, सदा उनकी रक्षा करनी चाहिये और सदा उनका पालन-पोषण करना चाहिये ।
‘राजन्! जो प्यास से व्याकुल गायों के जल पीने में विघ्न डालता है, उसे ब्रह्महत्यारा समझना चाहिये।’ - ‘जो नराधम मन में भी गायों को दुःख देने की इच्छा कर लेता है, उसे चौदह इन्द्रों के काल तक नरक में रहना पड़ता है। ‘
- ‘राजन्! जो मनुष्य जान-बूझकर भगवान् की निन्दा करता है और गायों को दुःख देता है, नरक से कभी छुटकारा नहीं हो सकता।’
- ‘गौकी हत्या करने वाले, उसका मांस खाने वाले तथा गोहत्या का अनुमोदन करने वाले लोग गौ शरीर में जितने रोएँ होते हैं, उतने वर्षोंतक नरक में डूबे रहते हैं।
- ‘गो भक्त मनुष्य जिस-जिस वस्तुकी इच्छा करता है, वह सब उसे प्राप्त होती है। स्त्रियों में भी जो गौओं की भक्त हैं, वे मनोवाञ्छित कामनाएँ प्राप्त कर लेती हैं। पुत्रार्थी मनुष्य पुत्र पाता है और कन्यार्थी कन्या । धन चाहने वाले को धन और धर्म चाहने वाले को धर्म प्राप्त होता है। विद्यार्थी विद्या पाता है और सुखार्थी सुख। भारत! गोभक्त के लिये यहाँ कुछ भी दुर्लभ नहीं है।’
- ‘जो गौओं को प्रतिदिन जल और तृणसहित भोजन प्रदान करता है, उसे अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है, इसमें किं चिन्मात्र भी सन्देह नहीं है।’