संस्कृत में भगवान की पूजन-मनन के लिए सनातन धर्म में स्त्रोत का महत्व बताया गया है। स्त्रोत में देवों की स्तुति एवं उन्हें प्रसन्न करने वाले मंत्रों-श्लोकों और कथाओं का समावेश किया जाता है। संस्कृत में होने की वजह से इनमें कम समय में ज्यादा जानकारियों का समावेश किया जा सकता है।