ऐसे रखें वट सावित्री का व्रत, इन चीजों को अवश्य करें पूजा में शामिल

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वट सावित्री पूर्णिमा की पूजा

वट सावित्री पूर्णिमा की पूजा के दिन विवाहित महिलाएं सुबह उठकर तैयार हो जाएं, नए वस्त्र पहनकर सोलह श्रृंगार करें। तैयार होने के बाद पूजा की सभी सामग्रियों को एक थाली में सजा लें। वट वृक्ष के नीचे व्रत की सभी सामग्री रख दें। फिर सत्यवान और सावित्री की मूर्ति स्थापित कर धूप, दीप, रोली, सिंदूर से पूजन करें। इस व्रत में लाल कपड़ा सावित्री को अवश्य अर्पित करें। लाल रंग सुहागन की निशानी होता है और इसे पूजा में रखना अत्यंत शुभ होता है।

पूजा खत्म करके बांस के पंखे से सत्यवान-सावित्री को हवा करें। उसके बाद एक बरगद का पत्ता लें और
उसे अपने बालों में लगाएं। अब धागे को बरगद के पेड़ में बांधकर 5,11, 21, 51, या 108 बार परिक्रमा करें।
फिर पंडित या अपने गुरु से सावित्री-सत्यवान की कथा सुनें।

इसके बाद घर आकर उसी पंखे से अपने पति को हवा करें और आशीर्वाद लें।
उसके बाद शाम के वक्त एक बार मीठा भोजन कर व्रत समाप्त करें।

सावित्री पूर्णिमा की पूजा ऐसे करे