एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि, राज्य भर के विभिन्न धार्मिक स्थलों से अब तक 45,773 लाउडस्पीकरों को हटाया गया है, जबकि 58,861 लाउडस्पीकरों के ध्वनि स्तर को कम करके मानक मानकों के स्तर तक लाया गया है।
योगी 2.0 सरकार के सत्ता में आते ही अवैध अतिक्रमण और ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। धार्मिक स्थलों पर तेज आवाज में बजने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्र को हटाने और आवाज नियंत्रित करने के आदेश के बाद प्रशासन और पुलिस ने तेजी दिखाई है। क्षेत्र में पुलिस ने भ्रमण करके धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाए। दोबारा लाउडस्पीकर लगाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई। इस क्रम में धर्मस्थलों पर तय मानकों का उल्लंघन करने वाले अवैध लाउडस्पीकर को हटवाने का सिलसिला लगातार जारी है। शुक्रवार तक अभियान के तहत धर्मस्थलों से कुल 45,773 अवैध लाउडस्पीकर हटवाए गए, जबकि 58 हजार से अधिक लाउडस्पीकर की आवाज कम कराई गई।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार राज्य भर के विभिन्न धार्मिक स्थलों से अब तक 45,773 लाउडस्पीकरों को हटाया गया है, जबकि 58,861 लाउडस्पीकरों के ध्वनि स्तर को कम करके मानक मानकों के स्तर तक लाया गया है। प्रदेश के धर्मस्थलों पर तय मानकों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ समान कर्रवाई की जा रही है, फिर चाहे वह धार्मिक स्थल किसी भी धर्म से जुड़ा क्यों न हो। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि लाउडस्पीकर के प्रयोग के लिए जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उनका कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। अनावश्यक रूप से लगाये गए लाउडस्पीकर तत्काल उतार लिए जाएं। लाउडस्पीकर की आवाज़ उस परिसर से बाहर न आए। नए स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति न दें।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद श्रीकृष्णजन्मभूमि मथुरा में लगाए गए लाउडस्पीकर हटाए गए थे। इसके बाद गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में लाउडस्पीकर की आवाज तय मानक के अनुसार कम की गई। सीएम का स्पष्ट निर्देश है कि हर किसी को अपनी उपासना पद्धति मानने की स्वतंत्रता है और इसके लिए माइक और साउंड सिस्टम का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।