हरियाली तीज
हरियाली तीज को सुहागिनों का उत्सव माना जाता है। यह शुभ पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार हरियाली तीज का यह पर्व 3 अगस्त को है जिसके लिए बाजारों में सजावट और तैयारियां शुरू हो चुकी है। इस दिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं और इस पर्व को धूमधाम से मनाती हैं। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति के लिए व्रत भी रखती हैं।
आज हम आपको बताएंगे कि इस पर्व को क्यों मनाया जाता है और इस दिन किसकी पूजा की जाती है
और क्या है पूजा की सही विधि।
मां पार्वती और भगवान शिव का मिलन
हरियाली तीज के दिन भगवान शिव ने मां पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी मनोकामना पूरी की थी
और उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। ऐसा माना जाता है कि जो भी स्त्री तीज का ये व्रत रखती है
उसे भगवान शिव और मां पार्वती ‘सदा सुहागन’ का वरदान देते हैं।
क्या है सही विधि?
हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं मायके से आए कपड़े ही पहनें। सुबह उठकर स्नान कर सोलह श्रृंगार करें। पूजा के लिए पहले आप अपने घर के मंदिर और किसी भी खुले स्थान पर देवी पार्वती की प्रतिमा को रेशमी वस्त्रों से सजाएं, फिर मां पार्वती की पूजा करें और व्रत शुरू करें। मां पार्वती की पूजा के समय हरियाली व्रत कथा का उच्चारण जरूर करें। कथा और मंत्रों के जाप के बाद मां पार्वती से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करें।
बता दें
ये व्रत निर्जला व्रत होता है।