होलिका दहन की सही पूजा विधि और सामग्रियां।। Holika Dahan Pooja Vidhi

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होलिका दहन की सही पूजा विधि और सामग्रियां

होलिका दहन की सही पूजा विधि और सामग्रियां – होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। देश ही नहीं विदेश में भी रह रहे भारतवासी इसे जोरो-शोरों से मनाते हैं। इस दिन देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए प्राचीन प्रामाणिक विधि से पूजन पाठ किया जाता है। उत्साह और उमंग का यह त्यौहार दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन यानी छोटी होली पर होलिका दहन किया जाता है जिसके बाद अगले दिन गुलाल और पानी के साथ यह त्यौहार धूम-धाम से मनाया जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि होलिका दहन और पूजा में किन-किन चीजों का इस्तेमाल करना बुरी शक्तियों से छुटकारा दिलाता है।

श्री  होलिका दहन में इन वस्तुओं की दें आहुति

कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य, चीनी के बने खिलौने,
नई फसल का कुछ भाग, गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर।

क्या है होलिका दहन की सही विधि

होलिका दहन करने से पहले होली की पूजा की जाती है।
इस पूजा को करते समय व्यक्ति को होलिका के पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करना होता है।
पूजा के दौरान पश्चिम और दक्षिण दिशा की और कभी मुख ना करें।

पूजा करते समय इन सामग्रियों का करें प्रयोग

होलिका पूजा के दौरान एक लोटा जल, नारियल कच्चा सूत, माला, रोली, चावल, बताशे, पुष्प, गुड़, साबुत हल्दी आदि का प्रयोग किया जाता है।  इसके अति‍रिक्त नई फसल के धान्यों जैसे गेहूं और पके चने की बालियां भी सामग्री के रूप में रखी जा सकती है।
आखिर में पूजा खत्म होने के बाद गोबर की ढाल और खिल को होलिका पर रख दिया जाता है।