कुंडली के दूसरे भाव में स्थित गुरु का फल
कुंडली के दूसरे भाव में स्थित गुरु का फल यहां स्थित बृहस्पति के कारण आपकी मुखाकृति सुंदर होगी। आप रूपवान, सुंदर शरीर वाले और आयुष्मान व्यक्ति हैं। आप विनम्र और सत्संगी व्यक्ति हैं।
आपका साहस और सदाचार सराहनीय है। आप मधुरभाषी, सर्वजन प्रिय और सम्मानित व्यक्ति हैं।
आप सदैव ही उत्साही बने रहते हैं।
और सम्मान को ही सबसे बडा धन समझते हैं।
सभी लोग आपका आदर और सम्मान करते हैं।
आपकी वाणी बहुत प्रभावशाली और अच्छी होगी। आप मधुर और यथार्थ बोलते हैं। सभा के बीच किया गया सम्भाषण लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाला होगा।
आप धनवान और सभी प्रकार के अधिकारों को प्राप्त करने वाले होंगे।
आप संततिवान और सम्पत्तिवान व्यक्ति होंगे। आप धन संग्रह और संचय में निपुण होंगे।
हांलाकि अशुभ प्रभाव या अशुभ दशा की स्थिति में बृहस्पति के विपरीत फल भी मिल सकते हैं।
सोना चांदी, सरकारी नौकरी, कानूनी काम, बैंक, शिक्षा संस्थान, देवालय, धर्म संस्था आदि माध्यमों से आपको धन और यश मिल सकता है। इसके अलावा रसायनशास्त्र, भाषाओं का ज्ञान, काव्यशास्त्र, व दण्डाधिकार भी आपको मिल सकता है अर्थात आप मजिस्ट्रेट, कलेक्टर या न्यायाधीस भी हो सकते हैं।
आप शत्रु विजय और बंधुओं से सुखी तथा सत्ताइसवें वर्ष में राजा या सरकार से आदर पाने वाले व्यक्ति हैं।