वृंदावन बांके बिहारी कृष्ण जी की आरती (Vrindavan Banke Bihar Krishna ji ki Aarti)

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वृंदावन बांके बिहारी कृष्ण जी की

वृंदावन बांके बिहारी कृष्ण जी की श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं, 

 

वृंदावन बांके बिहारी कृष्ण जी की श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं

हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं ।
आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,
श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं ।

॥ श्री बांके बिहारी ॥

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे,

प्यारी बंसी मेरो मन मोहे ।

देख छवि बलिहारी मैं जाऊं ।

॥ श्री बांके बिहारी ॥

 श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

चरणों से निकली गंगा प्यारी,

जिसने सारी दुनिया तारी ।

मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं ।

॥ श्री बांके बिहारी ॥

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

दास अनाथ के नाथ आप हो,

दुःख सुख जीवन प्यारे साथ आप हो ।

हरी चरणों में शीश झुकाऊं ।

॥ श्री बांके बिहारी ॥

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

श्री हरीदास के प्यारे तुम हो।

मेरे मोहन जीवन धन हो।

देख युगल छवि बलि बलि जाऊं।

॥ श्री बांके बिहारी ॥

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं।

आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,

श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं।