नवगठित राम मंदिर ट्रस्ट ने गुरुवार को भारतीय स्टेट बैंक की अयोध्या शाखा में नया खाता खोला जिसमें 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद खोले गए पुराने खाते का भी विलय किया जाएगा। ट्रस्ट सदस्यों और खाते के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक अनिल मिश्रा ने बताया कि ट्रस्ट के गठन के ठीक 1 महीने बाद आज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम से नया बैंक खाता औपचारिक रूप से खोला गया। डॉ. मिश्रा ने बताया कि खाते को संचालित करने वाले
अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं में गोविन्द गिरि महाराज और चंपत राय शामिल हैं। राम जन्मभूमि पर रखे दानपात्र में जमा होने वाली राशि की हर 15 दिन में कोषागार अधिकारी, भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में गिनती की जाती है और एक स्वर्णकार इस गिनती प्रक्रिया की निगरानी करता है। उन्होंने कहा कि धन बाद में ट्रस्ट के नए खाते में जमा किया जाएगा। दान में मिलने वाले सोने का मूल्यांकन किया जाता है
और इसे कोषागार के लॉकर में भेज दिया जाता है जबकि धन को भारतीय स्टेट बैंक के खाते में जमा किया जाता है। मिश्रा ने बताया कि फरवरी 1993 में उच्चतम न्यायालय द्वारा रिसीवर बनाए गए तत्कालीन आयुक्त द्वारा खोले गए पुराने खाते का विलय भी नए खाते में किया जाएगा।उन्होंने कहा कि 27 साल पुराने खाते में जमा 10 करोड़ रुपए की राशि आयकर छूट के लिए आवश्यक अनुमति के बाद नए खाते में अंतरित कर दी जाएगी।