पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकोनों को तबाह किए जाने के बाद केवल पाकिस्तान ही नही भारतीय राजनीति की गर्मी चरम पर है और नेता बे-लगाम। सेना के शौर्य के प्रदर्शन पर पक्ष और विपक्ष दोनो इसका राजनैतिक लाभ उठाने में लगे हैं।
तमाम विपक्षी दलों ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए सेना पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस के वरिष्ट नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ”एयर स्ट्राइक पर विदेशी मीडिया में संदेह पैदा किया जा रहा है, जिससे हमारी सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न लग रहा है।” पहले उन्होंने ने कहा था कि तकनीक के दौर में किसी कार्रवाई की तस्वीरें सैटेलाइट से मिल सकती हैं। लिहाजा सरकार को सबूत देना चाहिए। अमेरिका ने लादेन को मारने का सबूत पेश किया था। दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रुके, उन्होंने पुलवामा हमले को दुर्घटना तक कह दिया। इस पर सरकार ने पलटवार किया और विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने दिग्विजय से पूछा कि क्या राजीव गांधी की हत्या दुर्घटना थी या आतंकी हमला।
विपक्षी दल को सरकार के खिलाफ कटाक्ष करने का मौका BJP अध्यक्ष अमित शाह ने दिया खुद दिया है। अमित शाह ने एक रैली में मारे गए आतंकी की संख्या 250 बता दि, लेकिन सोमवार को वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने साफ कर दिया कि मारना हमारा काम है, गिनती करना नही। धनोआ के इस बयान के बाद विपक्षी दलों को अपनी राजनीति चमकाने का मौका मिल गया।
दरअसल पुलवामा हमले के 13वें दिन वायुसेना के मिराज-2000 विमानों ने बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी में जैश-ए-मोहम्मद के कैम्प तबाह किए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्रवाई में 350 आतंकी मारे गए थे। इसके अगले दिन 27 फरवरी को पाक के विमान भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में मिग-21 ने पाक के एफ-16 को मार गिराया था। पायलट अभिनंदन को पाक सेना ने बंदी बना लिया था लेकिन 54 घंटों में ही पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा कर दिया।