तमिलनाडु के सत्तूर स्थित सरकारी हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला को एचआईवी संक्रमित ब्लड चढ़ा दिया गया। मामले का खुलासा होने के बाद हॉस्पिटल के सिवकासी स्थित ब्लड बैंक के तीन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को खून के नमूने की जांच नहीं करने पर सस्पेंड कर दिया गया है। पीड़िता को अब एचआईवी के विषाणुओं को रोकने वाली दवा दी जा रही है।
विरुधुनगर के स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त महानिदेशक डॉक्टर आर मनोहरन ने बताया कि 30 नवंबर को एक मरीज के रिश्तेदार ने ब्लड डोनेट किया था। ब्लड बैंक के जांचकर्ताओं ने खून की जांच की और उसे सुरक्षित बताया। इस बीच मरीज की जरूरत ब्लड बैंक से पूरी हो गई, इसलिए डोनेट किए गए ब्लड को स्टोर कर दिया गया।3 दिसंबर को इस ब्लड को एक गर्भवती महिला चढ़ाया गया। इस बीच ब्लड डोनर ने विदेश में नौकरी की शर्तों को पूरा करने के लिए एक निजी लैब में अपने खून की जांच कराई। इस लैब में उन्हें एचआईवी पॉजिटिव और पीलिया से पीड़ित बताया गया। इसके बाद डोनर ने सिवकासी सरकारी अस्पताल से संपर्क किया जहां एक और जांच में उसके एचआईवी पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई।
इसके बाद पूरे मामले की सूचना मनोहरन को दी गई और डोनेट किए गए ब्लड की तलाश शुरू की गई। जांच में पता चला कि यह ब्लड एक गर्भवती महिला को चढ़ाया गया है। उस महिला को बुलाया गया और उसके खून की जांच की गई। महिला भी एचआईवी पॉजिटिव पाई गई। डोनर की जांच में यह भी पता चला कि सत्तूर सरकारी अस्पताल में सबसे पहले उसके एचआईवी पॉजिटिव होने का पता चला था लेकिन उन्हें बताया नहीं गया था।