बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस का सफल परीक्षण, भारत की सामरिक शक्ति में हुई और मजबूती

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बंगाल की खाड़ी में भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज की, जब सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस ने अपने दमदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। निर्धारित लक्ष्य को अत्यंत सटीकता से भेदते हुए मिसाइल ने न केवल अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि उन्नत गाइडेंस और कंट्रोल सिस्टम की श्रेष्ठता भी साबित की। इस सफलता को भारत की बढ़ती सामरिक क्षमता और रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, परीक्षण के दौरान ब्रह्मोस ने तीव्र गति से उड़ान भरते हुए कई जटिल मोड़ लिए, जिनका उद्देश्य इसकी नियंत्रण प्रणाली की विश्वसनीयता परखना था। मिसाइल ने सभी तकनीकी मानकों को पूरा करते हुए तय समय में लक्ष्य को ध्वस्त कर दिया। वैज्ञानिकों का कहना है कि नवीनतम तकनीकी अपडेट्स के बाद मिसाइल की गाइडेंस क्षमता, ट्रैकिंग और लक्ष्य पहचानने की योग्यता पहले से कहीं अधिक सशक्त हुई है।

परीक्षण में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि उच्च गति पर भी मिसाइल का कंट्रोल सिस्टम पूरी तरह स्थिर रहा, जो किसी भी सुपरसोनिक मिसाइल के लिए सबसे कठिन चुनौती होती है। यह प्रदर्शन दिखाता है कि ब्रह्मोस का उन्नत संस्करण वास्तविक परिस्थितियों में भी बेहद विश्वसनीय साबित होगा।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षण भारत की समुद्री सुरक्षा को नई मजबूती देगा। ब्रह्मोस पहले से ही थल, जल और नभ—तीनों प्लेटफॉर्म से लॉन्च करने में सक्षम है और लगातार किए जा रहे ये सफल परीक्षण इसकी विश्वसनीयता को और पुख्ता करते हैं।

सरकार ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ और इससे जुड़े सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी है। आधिकारिक बयान में कहा गया कि ब्रह्मोस मिसाइल का यह उन्नत संस्करण आने वाले वर्षों में भारत की सुरक्षा जरूरतों को और प्रभावी तरीके से पूरा करेगा और देश की सामरिक बढ़त को मजबूत बनाए रखेगा।