दोहरी वोटर लिस्ट विवाद पर भड़के प्रशांत किशोर बोले, अगर कानून तोड़ा है तो गिरफ्तार करें

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जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर (PK) ने दोहरी मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के आरोप पर चुनाव आयोग (EC) के नोटिस का कड़ा जवाब दिया है। पीके ने चुनाव आयोग को सीधी चुनौती देते हुए कहा, “अगर मैंने कोई कानून तोड़ा है तो मुझे गिरफ्तार करें।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह नोटिस बिहार में जन सुराज के बढ़ते प्रभाव से घबराकर उन्हें डराने की कोशिश है।

प्रशांत किशोर ने बताया कि वे 2019 से बिहार के कोनार के पंजीकृत मतदाता हैं, लेकिन कोलकाता में दो वर्ष रहने के दौरान उनका नाम वहां की सूची में भी दर्ज हो गया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अगर उनका नाम दो स्थानों पर है, तो ‘स्पेशल इनरोलमेंट रिव्यू (SIR)’ अभियान के तहत बिहार की सूची से नाम क्यों नहीं हटाया गया।

पीके ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, जब पूरी व्यवस्था वोटर लिस्ट की सफाई का दावा करती है, तो फिर मेरा नाम दो जगह कैसे रह गया? यह आयोग की पारदर्शिता और दक्षता पर सवाल खड़े करता है।

सूत्रों के अनुसार, प्रशांत किशोर का नाम बिहार की करगहर विधानसभा के मतदाता सूची में (आईडी नंबर IUI3123718) दर्ज है, जबकि पश्चिम बंगाल के भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र में भी क्रम संख्या 621 पर उनका नाम मौजूद है। भारतीय कानून के तहत किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक मतदाता सूची में होना अवैध है।

निर्वाची पदाधिकारी करगहर ने प्रशांत किशोर को तीन दिनों के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने का आदेश दिया था, जिस पर अब उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह प्रतिक्रिया दी है।

कानून के अनुसार, दोहरी मतदाता सूची में नाम होने पर एक साल की सजा, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि चुनाव आयोग अगला कदम क्या उठाएगा — क्या वह प्रशांत किशोर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा, या पीके स्वेच्छा से किसी एक राज्य की सूची से अपना नाम हटवाएंगे।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मामला केवल कानूनी नहीं, बल्कि बिहार की सियासत पर गहरा असर डालने वाला साबित हो सकता है, क्योंकि प्रशांत किशोर इस समय अपने जन सुराज अभियान के जरिए राज्य में सक्रिय राजनीतिक विकल्प बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।