
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट दिलाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इसके मास्टरमाइंड अबू सलीम उर्फ सलीम मियां को गिरफ्तार किया है। एजेंसी के अनुसार, आरोपी ने पिछले कुछ वर्षों में करीब 250 फर्जी पासपोर्ट बनवाए थे, जिनका इस्तेमाल देश और विदेश में अवैध गतिविधियों और हवाला लेन-देन के लिए किया गया।
ईडी अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल और असम में चलाए गए एक व्यापक छापेमारी अभियान के दौरान हुई। एजेंसी को जानकारी मिली थी कि कुछ एजेंटों और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जांच में सामने आया कि सलीम मियां फर्जी दस्तावेज जमा कराकर पासपोर्ट बनवाने में मदद करता था और इसके बदले मोटी रकम वसूलता था।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी मूल रूप से बांग्लादेश का निवासी है, लेकिन पिछले कई वर्षों से कोलकाता के हावड़ा और दक्षिण 24 परगना जिलों में सक्रिय था। उसकी निशानदेही पर ईडी ने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट फॉर्म सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं।
प्रारंभिक जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी ने न केवल बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में बसाया, बल्कि उनमें से कई को विदेश भेजने के लिए पासपोर्ट और वीज़ा की व्यवस्था भी की। इस पूरे रैकेट के जरिए उसने प्रति व्यक्ति 50,000 से 1.5 लाख रुपये तक की वसूली की थी।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “इस नेटवर्क के तार कई राज्यों तक फैले हुए हैं। आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसके संपर्क में कई सरकारी कर्मचारी और दलाल शामिल थे। कुछ पासपोर्ट अधिकारियों से पूछताछ भी शुरू कर दी गई है।”
एजेंसी का कहना है कि यह गिरोह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा था, क्योंकि कई फर्जी पासपोर्ट धारक अवैध और आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। अब ईडी इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि अवैध रूप से अर्जित धन कहां निवेश किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में ईडी इस नेटवर्क से जुड़े अन्य सहयोगियों और संदिग्ध सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकती है। मामले की जानकारी गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों को भी दी गई है, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे फर्जी दस्तावेज गिरोहों पर रोक लगाई जा सके।
गिरफ्तार आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिन की ईडी कस्टडी में भेज दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ के दौरान कई और नामों के खुलासे की संभावना है।













