ब्रिक्स सम्मेलन में अमेरिका की नीतियों की निंदा पर भड़के ट्रंप, दी 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी

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ब्राजील में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल देशों द्वारा अमेरिका का नाम लिए बिना ईरान पर हालिया हमले और व्यापार शुल्क (टैरिफ) की आलोचना करना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नागवार गुजरा। उन्होंने ब्रिक्स देशों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करते हैं तो उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी नीतियों से जुड़ने वाले किसी भी देश पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इस नीति में कोई अपवाद नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के टैरिफ से संबंधित पत्र और समझौते सोमवार, 7 जुलाई को दोपहर 12 बजे (ईस्टर्न टाइम) वितरित किए जाएंगे।

ब्रिक्स सम्मेलन में अमेरिका और इस्राइल की नीतियों की आलोचना

ब्रिक्स सम्मेलन में ईरान पर हुए अमेरिका और इस्राइल के हमलों की निंदा की गई, हालांकि सीधे अमेरिका का नाम नहीं लिया गया। इसके साथ ही ब्रिक्स नेताओं ने कहा कि बढ़ते व्यापार शुल्क वैश्विक व्यापार व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं और यह WTO के नियमों का उल्लंघन है। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने NATO देशों द्वारा सैन्य खर्च बढ़ाने की आलोचना करते हुए कहा, शांति की तुलना में युद्ध में निवेश करना हमेशा आसान होता है, लेकिन यह मानवता के हित में नहीं है।

9 जुलाई से खत्म हो रही टैरिफ राहत

डोनाल्ड ट्रंप पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि 9 जुलाई के बाद वैश्विक टैरिफ में छूट समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वह अब 90 दिनों की अतिरिक्त राहत नहीं देंगे और 10–12 देशों को नए टैरिफ लगाने के पत्र साइन कर दिए हैं, जिन्हें सोमवार को भेजा जाएगा।

ब्राजील की मेजबानी में हो रहे इस बार के ब्रिक्स सम्मेलन में पुराने 5 देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के अलावा मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और इंडोनेशिया जैसे नए सदस्य देशों ने भी भाग लिया। ब्राजील ने 1 जनवरी 2025 को ब्रिक्स की अध्यक्षता संभाली और इस वर्ष की थीम रही- समावेशी और टिकाऊ वैश्विक शासन के लिए ग्लोबल साउथ का सहयोग मजबूत करना।

अमेरिका और ब्रिक्स के बीच तनाव बढ़ा

ट्रंप के बयानों के बाद अब ब्रिक्स देशों और अमेरिका के बीच आर्थिक व कूटनीतिक तनाव और बढ़ने की आशंका है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर अमेरिका ने अतिरिक्त टैरिफ लगाए, तो इसका असर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ेगा।