भारत-अमेरिका व्यापार लेकर दोनों देशों के बीच बानी सहमति

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वैश्विक टैरिफ पर 90 दिनों की रोक की समयसीमा जैसे-जैसे 9 जुलाई के करीब पहुंच रही है, दुनियाभर की चिंता बढ़ती जा रही है। लेकिन इसी बीच भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते को लेकर सहमति बनने की खबर ने वैश्विक व्यापार जगत में उम्मीद जगा दी है।

सूत्रों के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच सभी शर्तों पर सहमति बन चुकी है और इस ऐतिहासिक समझौते की औपचारिक घोषणा 8 जुलाई को की जा सकती है यानी टैरिफ डेडलाइन से ठीक एक दिन पहले।

इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों वॉशिंगटन में मौजूद है।

ट्रंप की चेतावनी और वैश्विक चिंता

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि 9 जुलाई के बाद अधिकांश देशों को टैरिफ में राहत नहीं मिलेगी। उनका कहना है कि अमेरिका तय करेगा कौन-सा देश उसे “अच्छा” या “बुरा” ट्रीट करता है और उसी आधार पर 25%, 35%, 50% या 10% टैरिफ देना होगा।

गौरतलब है कि अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 26% अतिरिक्त कर लगाने की घोषणा की थी, जिसे अस्थायी रूप से 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था। भारत की मांग है कि इस अतिरिक्त कर से उसे स्थायी छूट मिले।

भारत और अमेरिका की प्राथमिकताएं क्या हैं?

 भारत की मांग

  • प्रस्तावित 26% टैरिफ को पूरी तरह से वापस लिया जाए
  • स्टील और ऑटो पार्ट्स पर पहले से लागू अमेरिकी टैरिफ में राहत दी जाए

अमेरिका की मांग

  • भारत सोयाबीन, मक्का, शराब और कारों पर आयात शुल्क में कटौती करे
  • गैर-टैरिफ बाधाओं को आसान बनाए

2030 तक 500 बिलियन डॉलर व्यापार का लक्ष्य

इस समझौते के पीछे मुख्य उद्देश्य वर्तमान 190 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाना है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 10 जून को हुए संवाद में कहा था कि भारत और अमेरिका एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित व्यापार समझौते की दिशा में सकारात्मक बातचीत कर रहे हैं।

उन्होंने बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात फरवरी 2025 में हुई थी, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। इस समझौते से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं, व्यापारियों और आम नागरिकों को लाभ मिलेगा।”

भारत और अमेरिका के बीच यह प्रस्तावित समझौता न केवल टैरिफ संकट से राहत देगा, बल्कि आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। इस समझौते की घोषणा से ठीक पहले दुनिया की नजरें अब 8 जुलाई पर टिकी हैं।