
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते उत्तराखंड में संभावित साइबर हमलों को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने इस खतरे को भांपते हुए अपने साइबर कमांडो को सतर्क कर दिया है। साथ ही एक विशेष निगरानी सेल गठित की गई है, जो इंटरनेट पर हो रही हर गतिविधि पर चौबीसों घंटे नजर बनाए हुए है।
राज्य के नागरिकों को जागरूक करने के लिए STF द्वारा एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसमें लोगों से अपील की गई है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी भ्रामक पोस्ट, संदिग्ध लिंक या लालच देने वाले मैसेज पर क्लिक करने से बचें और ऐसी किसी भी जानकारी को तुरंत पुलिस के साथ साझा करें।
गौरतलब है कि अक्टूबर 2024 में प्रदेश की कई सरकारी वेबसाइटें एक बड़े साइबर हमले का शिकार हुई थीं। उस समय कुछ संवेदनशील डेटा की चोरी भी हुई थी, जिसकी जांच अभी भी एसटीएफ और साइबर पुलिस द्वारा की जा रही है। हमले की शुरुआत विदेश से हुई मानी जा रही थी।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने STF को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में प्रशिक्षित किए गए चार साइबर कमांडो को विशेष निगरानी टीम में शामिल किया गया है। इनके साथ 10 अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी 24 घंटे की ड्यूटी पर तैनात हैं।
साइबर कमांडो टीम को हाल ही में हुई बैठक में सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट्स और भ्रामक या फिशिंग लिंक को तुरंत चिन्हित करें और संबंधित प्लेटफॉर्म से उन्हें ब्लॉक कराएं।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में गृह मंत्रालय की ओर से देशभर में साइबर कमांडो फोर्स के गठन के लिए एक विशेष परीक्षा आयोजित की गई थी। उत्तराखंड से चयनित चार साइबर कमांडो को IIT और फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से दो कमांडो ने देशभर की रैंकिंग में शीर्ष 10 में स्थान हासिल किया है।
फिलहाल राज्य का वेब इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से अधिक मजबूत और सुरक्षित है, लेकिन साइबर खतरे को देखते हुए सुरक्षा तंत्र को और अधिक पुख्ता किया जा रहा है।