
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आउटसोर्सिंग भर्ती प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए अब प्रत्यक्ष रूप से कर्मचारियों की भर्ती करने का निर्णय लिया है। सरकार अब निजी आउटसोर्सिंग कंपनियों को दरकिनार कर खुद भर्ती प्रक्रिया संचालित करेगी। इसके लिए ‘आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती निगम’ की स्थापना की जाएगी, जिससे कर्मचारियों के हित सुरक्षित रहेंगे और बिचौलियों द्वारा ली जाने वाली मोटी कमीशन राशि से छुटकारा मिलेगा।
कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी सरकारी विभागों को अगर संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) पर कर्मचारियों की जरूरत होगी, तो वे नए निगम को प्रस्ताव भेजेंगे। इसके बाद यह निगम संबंधित पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा और वैकेंसी निकालेगा। भर्ती प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी होगी और कर्मचारियों को उचित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिसमें भविष्य निधि (PF) की कटौती भी शामिल होगी।
कैसे होगी भर्ती प्रक्रिया?
उत्तर प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लिए इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीकों से संचालित करने का निर्णय लिया है।
विभिन्न समूहों में भर्ती का तरीका
समूह ‘ख’ और ‘ग’ पदों पर लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के माध्यम से भर्ती होगी। समूह ‘ग’ के कुछ पद और समूह ‘घ’ के सभी पदों पर, शैक्षणिक और तकनीकी योग्यता के आधार पर सीधी भर्ती की जाएगी।
आउटसोर्स कर्मचारी एक बार भर्ती होने के बाद लगातार काम करते रहेंगे। कर्मचारियों के लिए एक साल का कॉन्ट्रैक्ट अनिवार्य, सरकार द्वारा भर्ती किए गए आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक साल का अनुबंध (Contract) साइन कराया जाएगा। जब तक संबंधित विभाग को कर्मचारी की जरूरत होगी, वे कार्यरत रहेंगे।
किसी भी कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने, सेवा नियमों का उल्लंघन करने, दुराचरण या रिश्वतखोरी जैसी शिकायतें मिलने पर उसे तत्काल हटा दिया जाएगा।
आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा सीधा वेतन, सरकारी खजाने से होगी भुगतान व्यवस्था
उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री अनिल राजभर ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनियों के जरिए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को वेतन मिलने में कई तरह की समस्याएं आती थीं। अब सरकार खुद वेतन भुगतान करेगी और कम से कम ₹16,000 वेतन सुनिश्चित किया गया है। कर्मचारियों को सीधे बैंक खाते में सैलरी मिलेगी, जिससे एजेंसियों द्वारा शोषण और मानदेय कटौती की समस्या खत्म होगी।
आरक्षण नीति का भी रखा गया ध्यान
योगी सरकार के इस फैसले में आरक्षण व्यवस्था को भी पूरी तरह लागू किया गया है।
- अनुसूचित जाति (SC): 21% आरक्षण
- अनुसूचित जनजाति (ST): 2% आरक्षण
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC): 27% आरक्षण
इससे समाज के विभिन्न वर्गों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
क्या होगा इस फैसले का असर?
बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी, जिससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। संविदा कर्मचारियों का आर्थिक शोषण रुकेगा, क्योंकि वेतन सीधे खाते में मिलेगा। सरकारी विभागों में योग्य और सक्षम कर्मचारी मिलेंगे, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया योग्यता और परीक्षा आधारित होगी। आउटसोर्स कर्मचारियों को भी भविष्य निधि (PF) और अन्य सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।