गुरु तेग बहादुर के शहीदी कार्यक्रम में बोले- CM योगी, सिख गुरुओं के त्याग व बलिदान से आज भारत विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है

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गोरखपुर में धूमधाम से सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर का शहीदी पर्व मनाया जा रहा है। जटाशंकर गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में शामिल सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु तेग बहादुर के बलिदान के चलते ही भारत आज विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर के त्याग व बलिदान से आज भारत विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है। आज से 347 वर्ष पहले उन्होंने भारत को क्रूर हाथों से मुक्त कराने के लिए अपना बलिदान किया था। सिख गुरुओं से त्याग व बलिदान की प्रेरणा मिलती है। उनसे प्रेरणा लेकर देश व समाज को आगे बढ़ाएं। मुख्यमंत्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी पर्व पर सोमवार को गुरुद्वारा जटाशंकर पहुंचे। मत्था टेका और विश्वास व्यक्त किया कि अपने पूर्वजों, संतों, गुरुओं व महापुरुषों से प्रेरणा लेकर समाज आगे बढ़ेगा।

औरंगजेब की बर्बरता के खिलाफ किसी ने मजबूती के साथ आवाज उठाई थी वे थे गुरु तेग बहादुर जी 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख गुरुओं का एक गौरवशाली इतिहास है। गुरु नानक देव जी से लेकर के गुरु गोविंद सिंह जी महराज तक भक्ति व शक्ति का एक अद्भुत समन्वय जो प्रत्येक भारतीय के मन में न केवल धर्म और संस्कृति के संरक्षण के प्रति बल्कि प्रत्येक भारतीय को अपने मातृभूमि के प्रति भी उतना ही आग्रही बनाता है। गुरु तेग बहादुर जी महाराज ने उस काल खंड में जब ये देश औरंगजेब के अत्याचार से कराह रहा था, जबरन धर्मांतरण हो रहे थे, जबरन सनातन धर्म को नष्ट करने के लिए उसके क्रूर अत्याचार चरम पर थे। केवल कश्मीर ही नहीं पूरा हिंदुस्तान कांप रहा था। तब औरंगजेब की बर्बरता के खिलाफ किसी ने मजबूती के साथ आवाज उठाई थी उस समय की आवाज थी गुरु तेग बहादुर जी की।

गुरु तेग बहादुर जी की बलिदान जिन्होंने कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए उस काल खंड में उठाई थी, अद्भुत समन्वय देख सकते हैं कि गुरु तेज बहादुर को भी बलिदान देने के लिए प्रेरित करने वाले कोई और नहीं उनका स्वयं का पुत्र और दशम गुरु गोविंद सिंह महाराज थे। आज हम सब एक स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं। आज ये देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, लेकिन हम सबको याद रखना होगा कि देश की आजादी का अमृत महोत्सव का यह उत्सव हम सबके लिए इसी त्याग और बलिदान के ऊपर खड़ा होकर के प्राप्त हुआ है।