10 साल पहले देश के लिए महिला फुटबॉल टीम से खेल चुकीं कल्पना रॉय आर्थिक तंगहाली के कारण जलपाईगुड़ी की सड़क पर चाय बेचने को मजबूर है। जी, हाँ कभी फुटबाल में देश का मान बढ़ाने वाली फुटबालर कल्पना रॉय आज सड़क पर चाय का ठेला लगाने को मजबूर है। बता दें कि कल्पना को 2013 में भारतीय फुटबाल संघ द्वारा आयोजित महिला लीग के दौरान दाहिने पैर में चोट लगी थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे इससे उबरने में एक साल लगा। मुझे किसी से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली। इसके अलावा तब से मैं चाय का ठेला लगा रही हूं।’पहले उनके पिता चाय का ठेला लगाते थे लेकिन अब वो बढ़ती उम्र की बीमारियों से परेशान हैं। कल्पना ने कहा, ‘सीनियर राष्ट्रीय टीम के लिए ट्रायल के लिए मुझे बुलाया गया था लेकिन आर्थिक दिक्कतों के कारण मैं नहीं गई। मेरे पास कोलकाता में रहने की कोई जगह नहीं है। इसके अलावा अगर मैं गई तो परिवार को कौन देखेगा। मेरे पिता की तबीयत ठीक नहीं रहती।’
कल्पना पांच बहनों में सबसे छोटी हैं। उनमें से चार की शादी हो चुकी है और एक उनके साथ रहती है। उसकी मां का चार साल पहले निधन हो गया था। अब परिवार कल्पना ही चलाती है। कल्पना ने 2008 में अंडर-19 फुटबालर के तौर पर चार अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। अब वो 30 लड़कों को सुबह और शाम कोचिंग देती हैं। वो चार बजे दुकान बंद करके दो घंटे अभ्यास कराती है और फिर दुकान खोलती है।
उन्होंने कहा, ‘लड़कों का क्लब मुझे 3000 रूपये महीना देता है जो मेरे लिए बहुत जरूरी है।’ कल्पना ने कहा कि वो सीनियर स्तर पर खेलने के लिए फिट हैं और कोचिंग के लिए अनुभवी भी हैं। उनका कहना है कि वो दोनों तरीकों से योगदान दे सकती हैं और इस वक्त उन्हों नौकरी की जरुरत है।