प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2019 के पहले दिन दिए अपने इंटरव्यू में सभी विवादित मुद्दों पर अपनी बात रखी थी, राफेल के मुद्दे पर उन्होंने कहा था कि जो इस मामले में सवाल उठा रहे हैं उन्हें देश की सुरक्षा का खयाल नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा था कि सवाल करने वाली पत्रकार खुद ही जवाब दे रही थी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल के इस बयान को तानाशाही और आपातकाल से जोड़ते हुए सवाल किया है कि छद्म उदारवादी कब तक शांत रहेंगे। प्रधानमंत्री ने एक समाचार एजेंसी को साल 2019 के पहले दिन 95 मिनट का विस्तृत इंटरव्यू दिया था।
दरअसल, लोकसभा में राफेल लड़ाकू विमान पर बहस के बाद बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल से जवाब में पत्रकारों से पूछा कि उन्होंने प्रधानमंत्री का 90 मिनट का इंटरव्यू देखा? उनकी बॉडी लैंग्वेज कैसी थी? उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार खुद सवाल भी कर रहीं थी और खुद ही उसका जवाब भी दे रहीं थी। राहुल के इस बयान पर इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार स्मिता प्रकाश ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी।
The Grandson of the ‘Emergency dictator’ displays his real DNA – attacks and intimidates an independent Editor.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) January 3, 2019
अब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए ट्वीट में लिखा हैं की ‘इमरजेंसी के तानाशाह के पौत्र ने एक स्वतंत्र संपादक पर हमला कर अपना असली डीएनए दिखाया है। छद्म उदारवादी क्यों शांत है? एडिटर्स गिल्ड की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे है।’
आपको बता दें की इंटरव्यू में राफेल मामले पर एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस मामले में उनसे कोई सवाल नहीं किया गया। राहुल गांधी ने इसी बयान को मुद्दा बनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किस दुनिया में रहते हैं?
राफेल डील से जुड़े सारे सवाल उन्हीं से पूछे जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि संसद में पीएम मोदी खुद राफेल पर नहीं बोलते हैं और वित्त मंत्री अरुण जेटली उनके बचाव में खोखली दलीलें देते हैं।