पटियाला में शुक्रवार को हुई हिंसक झड़प के बाद शनिवार को पंजाब सरकार एक्शन में आ गई। मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर शनिवार को पटियाला रेंज के आईजी, एसएसपी और एसपी का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया।
घटना के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुलिस महानिदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि मामले की तुरंत जांच के आदेश दिए हैं और साथ ही अधिकारियों को ये सख्त हिदायत भी दी है कि एक भी दोषी को बख्शा न जाए। इस बीच पटियाला के आईजी राकेश अग्रवाल को हटा दिया गया है।
पटियाला में हुई घटना पर DGP और सभी बड़े अधिकारियों की मीटिंग बुलाई। मामले की तुरंत जांच के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को सख़्त हिदायत दी है कि एक भी दोषी को बख्शा न जाए।
पंजाब विरोधी ताकतों को किसी भी कीमत पर पंजाब की शांति भंग नहीं करने दी जाएगी।
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 29, 2022
पटियाला में खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के दौरान शिवसेना (बालासाहब) के कार्यकर्ताओं और खालिस्तान समर्थकों के बीच शुक्रवार को हुई झड़प के बाद शहर में तनाव का माहौल है। इससे पहले शुक्रवार को करीब चार घंटे शहर की सड़कों पर तलवारें लहराई गईं। इसके विरोध में आज कुछ हिंदू संगठनों ने पटियाला बंद का आह्वान किया है। इसके अलावा पटियाला में सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं।
खालिस्तान के मुद्दे को लेकर शिव सैनिक और खालिस्तान समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई। काली माता मंदिर में हिंदू संगठनों की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हरीश सिंगला के साथ मारपीट हुई। शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे शुरू हुआ यह सिलसिला दोपहर तीन बजे तक चला। पुलिस ने दोनों पक्षों को मुश्किल से तितर-बितर कर हालात पर काबू पाया। सवाल है कि पिछले एक हफ्ते से शुक्रवार को शहर में खालिस्तान के मुद्दे को लेकर दोनों तरफ से लोगों के आमने-सामने होने की आशंका थी तो फिर पुलिस ने किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने के ठोस इंतजाम क्यों नहीं किए।