NCW-NALSA मिलकर हर राज्य-जिले तक पहुंचकर महिलाओं को बनाएंगे ‘सशक्त’
नई दिल्ली- राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) ने महिलाओं से संबंधित विभिन्न कानूनों के तहत उपलब्ध कराए गए अधिकारों और उपायों के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य सेराष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के साथ मिलकर महिलाओं के लिए एक अखिल भारतीय विधिक जागरूकता कार्यक्रम ‘विधिक जागरूकता के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण’ लॉन्च किया। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार किया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शनिवार 30 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश व एनएएलएसए चेयरमैन माननीय न्यायाधीश यू.यू. ललित और राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन सुश्री रेखा शर्मा ने इस कार्यक्रम को लॉन्च किया। इस अवसर पर उच्चतम न्यायालय के माननीय न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में न्यायाधीश यू.यू. ललित ने महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रोत्साहन देने में विधिक जागरूकता कार्यक्रमों के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘महिलाओं का सशक्तिकरण ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों से आएगा और मुझे यह कहने पर काफी गर्व है कि राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ मिलकर एनएएलएसए महिलाओं के लिए इस जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।’ न्यायाधीश ललित ने कहा कि शुरुआत में इन कार्यक्रमों की प्रकृति ऐसी रही है कि हम शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं, जो बदले में समाज के विभिन्न तबकों की महिलाओं को प्रशिक्षण देंगे और उनके विधिक अधिकारों के बारे में उन्हें जागरूक बनाएंगे।
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वहीं इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन सुश्री रेखा शर्मा ने कहा कि समाज का एक बड़ा तबका अभी तक उन्हें उपलब्ध सहायता के रूपों के बारे में अनजान है और हम एक समय में एक कदम या इस मामले में देश के सभी जिलों को कवर करते हुए एक ही समय में शिविर लगाकर स्थिति को सुधारना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को संविधान के तहत मिले अधिकारों और हालात ठीक करने की प्रक्रिया या न्याय मांगने की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है, अगर उनका उल्लंघन किया जाता है।