कांग्रेस कार्यसमिति की आज बैठक जारी है। इस दौरान सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अशोक गहलोत, आनंद शर्मा समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं।
कांग्रेस पार्टी में स्थायी अध्यक्ष की मांग कर रहे 23 नेताओं को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान सोनिया गांधी ने फटकार लगाई है। यहां तक उन्होंने कहा है कि फिलहाल मैं ही पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हूं। इशारों में उन्होंने कहा कि किसी को भी मीडिया के माध्यम से मुझ तक बात पहुंचाने की जरूरत नहीं है। बेहतर होगा कि खुद मुझसे बात करें। उन्होंने बैठक में संदेश दिया कि आपसी मनमुटाव को दूर करेंगे तभी आगामी विधानसभा चुनाव में हम बेहतर परिणाम दे सकेंगे।
सोनिया गांधी की फटकार के बाद 23 नेताओं के सुर भी बदलने लगे हैं। वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि उन्हें सोनिया गांधी पर पूरा भरोसा है। उनके नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। जबकि, इससे पहले गुलाब नबी आजाद और कपिल सिब्बल उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने और स्थायी अध्यक्ष चुनने की मांग की थी। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तो यहां तक कह दिया था कि पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं हैं। फैसले कौन ले रहा है, मालूम नहीं है। इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी का समर्थन दे रहे हैं नेता गुलाम नबी आजाद,
सूत्रों की मानें तो पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव तक सोनिया गांधी ही अध्यक्ष पद पर बनी रहेंगी।और पूरा फोकस यूपी की चुनाव में हैंपार्टी में नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए सितंबर, 2022 में चुनाव होने की संभावना है। कार्यसमिति की इस बैठक में 52 कांग्रेसी नेता प्रतिभाग कर रहे हैं। इस दौरान मौजूदा राजनीतिक स्थिति, विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा हो रही है।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि लखीमपुर हिंसा ने भाजपा की मानसिकता को उजागर कर दिया है। वह किस तरह से किसान आंदोलन को देखते हैं। किसानों द्वारा अपने जीवन और अजीविका की रक्षा के लिए चलाए जा रहे आंदोलन से भाजपा कैसे निपटती है। इसके अलावा सोनिया गांधी ने महंगाई जैसे मुद्दे पर भी कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और इसके अलावा वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह समेत पांच नेता बैठक में अनुपस्थित हैं।