केरल की मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली ने कोविड-19 से निपटने का समाधान बताया

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भारत में कोरोना वायरस के हालिया मामलों को देखते हुए इससे निपटने की तैयारियां की जा रही हैं। केरल में देश के पहले तीन पुष्ट मामलों का सफलतापूर्वक इलाज कर लिया गया था। वहां की 28 दिन की पृथक सेवा और कठोर प्रोटोकॉल दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। स्वास्थ्य अधिकारियों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग से लेकर फील्ड कर्मचारियों तक सभी ने मजबूती से सहयोग दिया और इस तरह राज्य ने इस तरह की महामारी से निपटने के लिए देश के बाकी राज्यों को रास्ता दिखाया है। स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने पीटीआई भाषा से कहा, “हमने केरल में स्थिति को लगभग संभाल लिया है,

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सुरक्षित हैं। हां हमने तीन मरीजों का इलाज कर उन्हें ठीक किया। इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपनी एहतियात और सुरक्षा को कम कर देंगे। उन्होंने कहा कि केरल ने खासकर हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और बस डिपो पर निगरानी बढ़ाने का भी फैसला किया है। चीन के वुहान शहर से केरल आए तीन छात्रों में संक्रमण पाया गया था। वे क्रमश: अलाप्पुझा, त्रिशूर और कासरगोड जिलों से थे। इलाज के बाद उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है और उनमें से कोई भी पृथक नहीं रखा गया है। मंत्री ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के प्रोटोकॉल द्वारा निर्देशित स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

यह बताते हुए कि राज्य ने स्थिति से कैसे निपटा उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन लोगों को खोज निकाला जो संक्रमित क्षेत्रों से केरल लौटे थे और उन्हें मामूली लक्षण होने पर भी पृथक रखा गया था। उन्होंने कहा, “प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों को उनकी सहायता के लिए तैनात किया गया था। हमने सभी की निगरानी और दैनिक समीक्षा बैठकें कीं।” केरल एकमात्र ऐसा राज्य भी है जिसने कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से लौटने वालों के लिए 28 दिनों की पृथक सेवा को सख्ती से लागू किया है। राष्ट्रीय स्तर पर यह पृथक व्यवस्था 14 दिन की है।