चीन ने सार्स महामारी के दौरान फर्नांडीस द्वारा उपलब्ध करायी गयी सहायता को याद किया

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चीन ने मंगलवार को 2003 में भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस द्वारा की गयी उसके यहां की यात्रा को याद किया जब वह सार्स महामारी की गिरफ्त में था। उसने कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर भारत से, दोनों देशों के बीच व्यापार एवं लोगों की आवाजाही पर लगायी गयी पाबंदियों पर पुनर्विचार करने की भी अपील की। चीन के राजदूत सन वीडोंगद ने फर्नांडीस की सद्भावना का जिक्र किया जब वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री थे। वह यहां पत्रकारों को उस बारे में बता रहे थे

कि कैसे चीन कोरोना वायरस से निपट रहा है। सन ने बताया कि जब सार्स महामारी के दौरान फर्नांडीस चीन गये थे तब वह चीन के विदेश मंत्रालय में एशियाई विभाग के निदेशक थे। उन्होंने बताया कि कैसे वह चीन के प्रति भारत के रक्षा मंत्री के रूख से प्रभावित हुए थे जब चीन गंभीर जनस्वास्थ्य के मुद्दे से जूझ रहा था। सन ने कहा, ‘‘ उस वक्त मैंने भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल की अगवानी की थी और फर्नांडीस महामारी के दौरान शंघाई गये थे।

पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने महामारी को बढ़ाचढ़ा कर पेश करने और लोगों में दहशत फैलाने को लेकर विदेशी मीडिया की आलोचना की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब एक पत्रकार ने उनसे (फर्नांडीस से) पूछा था कि क्या उन्हें संक्रमित होने का डर नहीं है तब उन्होंने जवाब दिया था कि जब चीनी लोग डरे हुए नहीं हैं तो मैं क्यों डरूं।’’ सन ने कहा कि लौटने के बाद फर्नांडीस ने सेना को चीन को दवाएं देने का निर्देश दिया था।उन्होंने कहा, ‘‘ इस तरह की दयालुता को चीनी लोग कभी नहीं भूल पायेंगे।’’