त्रिपुरा में विद्रोही समूह के साथ किया केंद्र सरकार ने समझौता

1

त्रिपुरा के एक विद्रोही समूह के साथ शनिवार को केंद्र सरकार ने एक समझौता कर मामले को सुलझा लिया है। समझौते के मुताबिक विद्रोही हथियार डाल कर सरकार की बात सुनने के लिए मान गए हैं। सूत्रो के अनुसार त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर यहां भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और सबीर कुमार देबवर्मा के नेतृत्व वाले ‘नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्विप्रा’ ने हस्ताक्षर किए।

बता दें कि इस समझौता में हिंसा छोड़ने, मुख्यधारा में शामिल होने और भारतीय संविधान का पालन करने को राजी कर लिया गया है। समूह अपने 88 सदस्यों के आत्मसमर्पण के लिए भी तैयार हो गया है। आत्मसमर्पण करने वालों को गृह मंत्रालय की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना 2018 के तहत मिलने वाली सुविधा देकर जीवन में एक और मौका दे सकता है।

बताया जा रहा है कि त्रिपुरा सरकार आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को आवास और शिक्षा आदि के लिए भी मदद करेगी। केंद्र सरकार राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिए त्रिपुरा सरकार के प्रस्ताव पर भी विचार करेगी।

गौरतलब है कि एनएलएफटी पर गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम 1997 के तहत प्रतिबंध लगा हुआ है। एनएलएफटी 317 विद्रोही घटनाओं सहित हिंसा की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार रहा है। शांति के लिए पहली पहल साल 2015 में हुई थी और 2016 से एनएफएफटी द्वारा किसी तरह की कोई हिंसा नहीं की गई।