राजधानी में सोमवार तक ट्रकों की एंट्री पर रोक…

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राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली की हवा दिन प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है, जिसमें कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। अब तो हालात ऎसे हो गये है, कि लोगों को घरों से मास्क पहन कर बाहर निकलना पड़ रहा है। वही दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई, जिसने दिल्ली की हवा में ओर भी जहर घोल दिया।राजधानी में सोमवार तक ट्रकों की एंट्री पर रोक...वही अब हवा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी 12 नवंबर तक बढ़ा दी है। वही दूसरी तरफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पटाखों की बिक्री और उन्हें जलाये जाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर दिल्ली-एनसीआर के पुलिस विभागों और अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है । सीपीसीबी की अगुवाई वाले कार्यबल ने कहा कि चूंकि ‘गंभीर से बेहद गंभीर’ स्थिति 37 घंटे तक बनी रही ऐसे में वह सिफारिश करती है कि निर्माण गतिविधियों, कोयला और बायोमास पर आधारित उद्योगों, ट्रकों के प्रवेश पर चल रही पाबंदी 12 नवंबर, 2018 तक बढ़ायी जाए। कार्यबल राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता की समीक्षा करता है।राजधानी में सोमवार तक ट्रकों की एंट्री पर रोक...सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने कार्यबल की सिफारिश के आधार पर पाबंदी की समय सीमा बढ़ायी है। पहले उसने निर्माण गतिविधियों और कोयला एवं बायोमास पर आधारित उद्योगों पर शनिवार तक के लिए और भारी वाहनों के प्रवेश पर रविवार तक के लिए रोक लगायी थी। वाहनों के प्रवेश पर रोक के चलते बृहस्पतिवार रात से 450 से अधिक भारी एवं मझौले मालवाहक वाहन दिल्ली की सीमा से वापस भेज दिये गये।राजधानी में सोमवार तक ट्रकों की एंट्री पर रोक...सीपीसीबी ने अनधिकृत पटाखों की बिक्री और उन्हें जलाये जाने पर पाबंदी नहीं लगाने पर गुडग़ांव, गाजियाबाद, फरीदाबाद और नोएडा के जिलाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इन पटाखों से वायु की गुणवत्ता पर बहुत बुरा असर पड़ता है। सीपीसीबी के मुताबिक गाजियाबाद, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा में गंभीर वायु गुणवत्ता दर्ज की गयी जबिक नोएडा और गुडग़ांव में बहुत खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।