विजय माल्या की मांग ‘भगोड़ा’ घोषित करने पर लगे रोक…

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विजय माल्या की उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए बंबई की अदालत में चल रही कार्यवाही को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया।विजय माल्या की मांग 'भगोड़ा' घोषित करने पर लगे रोक...प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने याचिका पर जांच एजेंसी से जवाब मांगा। धन शोधन रोकथाम कानून के तहत विशेष अदालत में चल रही सुनवाई के खिलाफ याचिका दाखिल की गयी है। ईडी ने विशेष अदालत से लंदन में रह रहे उद्योगपति माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की थी। माल्या की याचिका पर शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी किया लेकिन मुंबई की विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया।

बंबई उच्च न्यायालय ने हाल ही में माल्या की अपील खारिज कर दी थी जिसके बाद माल्या ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी।
बता दें कि माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा था कि संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 22 नवंबर को माल्या की याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई को जारी रखने को कहा था। प्रवर्तन निदेशालय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग कर रहा है।विजय माल्या की मांग 'भगोड़ा' घोषित करने पर लगे रोक...ईडी का कहना है कि माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए और उसकी संपत्ति जब्त की जाए। इतना ही नहीं माल्या को नए एफईओ कानून के प्रावधानों के तहत नियंत्रण में लाया जाए। ईडी का कहना था कि उसका शुरुआत से पैसा चुकाने का कोई इरादा नहीं था जबकि उसके और एमएस यूबीएचएल (यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड) के पास पर्याप्त संपत्तियां थीं जो कर्ज चुकाने के लिए काफी थीं।