
हाल ही में इंडिगो की उड़ानों में देरी, तकनीकी समस्याओं और अन्य व्यवधानों के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्थिति को गंभीर मानते हुए तत्काल प्रभाव से जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। मंत्रालय का कहना है कि यात्रियों को होने वाली असुविधा अस्वीकार्य है और एयरलाइन से तय मानकों के अनुसार निर्बाध संचालन की उम्मीद की जाती है।
सरकार ने निर्देश दिए हैं कि इंडिगो के परिचालन तंत्र, तकनीकी व्यवस्था, स्टाफिंग और सुरक्षा प्रोटोकॉल की विस्तृत जांच की जाए। रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक हुआ तो कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है।
यात्रियों को तत्काल सहायता और निगरानी मजबूत करने के लिए मंत्रालय ने 24×7 सक्रिय विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। यह कंट्रोल रूम देशभर से इंडिगो उड़ानों की रियल-टाइम अपडेट लेगा, यात्रियों को समय पर सूचना उपलब्ध कराएगा और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित हस्तक्षेप सुनिश्चित करेगा। अधिकारियों के अनुसार, यह केंद्र न केवल समस्याओं की पहचान करेगा बल्कि सुधारात्मक सुझाव भी प्रदान करेगा।
मंत्रालय ने इंडिगो प्रबंधन से हालिया बाधाओं के कारणों और उठाए जा रहे सुधारात्मक कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है। अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इंडिगो इस संकट से कैसे निकलती है और अपनी सेवाओं को सामान्य रूप में बहाल करने के लिए क्या कदम उठाती है।











