आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को स्पष्ट रूप से कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में जिसने भी सांप्रदायिक हिंसा भड़काई, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर उनकी पार्टी का कोई नेता दंगों में संलिप्त है तो उसे दोगुनी सजा दी जाए। दिल्ली के चांद बाग इलाके में हिंसा में आप पार्षद ताहिर हुसैन पर हिंसा भड़काने के आरोपों पर केजरीवाल ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश की सुरक्षा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और दंगाइयों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि किसी भी दंगाई को छोड़ा नहीं जाना चाहिए,
चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो। अगर कोई आप का कोई सदस्य दोषी पाया जाता है तो उसे दोगुनी सजा दी जाए। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस मेरे अधीन नहीं है। अगर पुलिस मेरे पास होती तो हम हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते।’’ खुफिया ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में आप पार्षद ताहिर हुसैन पर आरोप लगे हैं और शर्मा के पिता की शिकायत पर हुसैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। शर्मा (26) उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगाग्रस्त चांदबाग इलाके में अपने घर के पास नाले में मृत पाए गए थे।
इससे पहले आज दिन में आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह और गोपाल राय ने कहा कि हिंसा पर पार्टी का रुख स्पष्ट है कि इसे फैलाने से जुड़े किसी भी व्यक्ति को सख्त सजा दी जानी चाहिए। सिंह ने कहा कि उन्होंने हुसैन का पक्ष भी सुना है और वह दावा कर रहे हैं कि वह निर्दोष हैं। सिंह ने कहा कि पार्टी का रुख स्पष्ट है कि जो कोई भी हिंसा को फैलाने में शामिल पाया जाए उसे सख्त सजा दी जाए। आप नेता और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि धर्म या जाति पर ध्यान दिए बिना जांच होनी चाहिए और हिंसा भड़काने में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
राय ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे सिर्फ यह कहना है कि – धर्म या जाति पर ध्यान दिए बिना जांच होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए चाहे वह ताहिर हुसैन हो या (भाजपा नेता) कपिल मिश्रा।’’ उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून विरोधी और समर्थक समूहों के बीच हुई हिंसा के बाद तीन दिन पहले हुई साम्प्रदायिक झड़पों में 38 लोग मारे जा चुके हैं और 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। बेकाबू भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया तथा स्थानीय निवासियों और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांदबाग, शिव विहार इलाके रहे।