: संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, और इसी सत्र में गृह मंत्री अमित शाह ने बुद्धवार को कश्मीर और नागरिकता विधेयक बिल के मुद्दे पर पर सदन में सदस्यों के सवालों के जवाब दिए।
क्या कह दिया अमित शाह ने !
गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर और नागरिकता विधेयक बिल के मुद्दे पर पर जवाब दिए। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है और आम-जनजीवन सुचारू रूप से चल रहा है।
नागरिकता विधेयक बिल(एनआरसी) पर शाह ने कहा कि राज्य में जो भी लोग वहां के नागरिकता से बाहर हुए हैं उन्हें ट्रिब्यूनल में भेजा जाएगा। वहां की सरकार उनका ध्यान रखेगी। शाह ने देशभर में एनआरसी लागू करने की बात कही और कहा कि किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नही है
क्यों गुस्सा हुईं ममता !
अमित शाह ने NRC पर बोला कि इसमे किसी को डरने की जरुरत नहीं है, हम पूरे देश में NRC लागू करेंगें, बस यही बात पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को बुरी लग गयी, ममता ने कहा कि हम एनआरसी को बंगाल में नहीं लागू होने देंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी बंगाल में रहने वाले किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं छीन सकता है। हम हिंदू और मुस्लिमों के आधार पर नहीं बांटते हैं।
NRC क्या बला है !
नैशनल रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटिजन्स यानि NRC यह एक प्रकार का आंकड़ा है जिससे भारत के नागरिकों की पुष्टि होती है । भारत में आजादी के बाद जो पहली जनगणना हुई थी, वो 1951 में हुई थी, इस जनगणना के आंकड़ों को एक साथ इकट्ठा करके आगे की योजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जाना था, इसके लिए नैशनल रजिस्ट्रेशन ऑफ सिटिजन्स (NRC) बनाया गया, जिसमें सारे आंकड़े दर्ज किए गए. योजना पूरे देश के लिए थी, लेकिन असम इकलौता ऐसा राज्य था, जिसने NRC को मान्यता दी और अपने प्रदेश में लागू किया ।
असम में 30 जुलाई, 2018 को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम ड्रॉफ्ट जारी कर दिया गया। इसमें शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें से 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली। इसी के बाद से संसद से लेकर सड़क तक हंगामा मचा हुआ था ।
गृह मंत्री अमित शाह का मानना है कि असम की तरह बंगाल और देश के अन्य राज्यों में घुसपैठिये रह रहें हैं, जिनकी पहचान करना जरुरी है ।
रिपोर्ट – शक्ति ओझा