
नगर में एक 12 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म की सूचना मिलने के बाद शहर में भारी तनाव फैल गया। बताया जा रहा है कि आरोपी एक वृद्ध व्यक्ति है, जो मुस्लिम समुदाय से संबंधित है। इस घटना के विरोध में बुधवार को हिन्दू संगठनों ने बड़ी संख्या में थाने का घेराव किया और आक्रोशित भीड़ ने थाने के आसपास कई दुकानों में तोड़फोड़ की। देर रात तक पूरे इलाके में तनाव बना रहा, जिससे आम जनजीवन और पर्यटक बुरी तरह प्रभावित हुए।
हिंसा की आशंका और असुरक्षा के माहौल के चलते गुरुवार सुबह से ही नैनीताल में पहुंचे पर्यटक शहर छोड़कर जाने लगे। नैनीताल होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने बताया कि “लगभग 90 फीसदी पर्यटकों ने या तो एडवांस बुकिंग रद्द कर दी या वे लौटकर भीमताल और अन्य शांत जगहों की ओर चले गए।” उन्होंने यह भी चेताया कि अगर कुछ और दिन इसी तरह तनाव बना रहा, तो पूरा पर्यटन सीजन संकट में पड़ सकता है।
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े राजकुमार गुप्ता ने जानकारी दी कि गुरुवार सुबह पहुंचे नए पर्यटक भी माहौल देखकर बिना रुके लौट गए। उन्होंने कहा कि “कोरोनाकाल के बाद पहली बार सीजन में नैनीताल की सड़कों पर ऐसी सन्नाटा देखने को मिला है।”
पर्यटन स्थलों पर पड़ा असर
घटनाओं का असर केवल होटलों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि नैनीताल के प्रमुख पर्यटन स्थलों – झील, रोपवे, चिड़ियाघर और केव गार्डन में भी सन्नाटा पसरा रहा। जू के रेंजर आनंदलाल ने बताया कि गुरुवार को साप्ताहिक अवकाश के चलते जू बंद था, लेकिन अन्य स्थलों पर भी पर्यटकों की उपस्थिति बेहद कम रही।
रोपवे के संचालक शिवम शर्मा ने बताया कि “आम तौर पर जहां रोजाना लगभग 800 पर्यटक आते हैं, गुरुवार को केवल 125 पर्यटक ही पहुंचे।” केव गार्डन में भी गिने-चुने लोग ही नजर आए।
पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है और माहौल को शांत करने की कोशिशें जारी हैं। आरोपी को पकड़ने की कार्रवाई भी चल रही है। प्रशासन लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है।