पीएम मोदी के राम मंदिर बयान पर खुश नहीं VHP, कहा- धर्मसंसद करेगी फैसला

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विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा कि अब धर्मसंसद में तय होगा राम मंदिर निर्माण के लिए अगला रास्ता। उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं कर सकते हैं।

लोकसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की आवाज भी तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख से असहमती जताते हुए कहा कि प्रयागराज में होने वाली धर्मसंसद में यह तय होगा कि राम मंदिर निर्माण के लिए अगला रास्ता क्या होगा।

उन्होंने कहा कि अब हम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं कर सकते। उचित यह होगा कि संसद द्वारा कानून बनाकर भगवान की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का मार्ग अभी प्रशस्त किया जाए। विश्व हिन्दू परिषद् इस मांग के पूरा होने तक लगातार आवाज उठाती रहेगी।

राम मंदिर निर्माण के लिए आगे उठाए जाने वाले कदम का फैसला 31 जनवरी और एक फरवरी को प्रयागराज में कुंभ के मौके पर आयोजित धर्मसंसद में लिया जाएगा। तभी यह तय किया जाएगा कि इस मांग को पूरा कराने के लिए ओर कौन से कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण का मामला लंबे समय से कोर्ट में लटका हुआ हैं यह मामला करीब 69 वर्ष से फंसा है। सुप्रीम कोर्ट में अभी तक जजों की बेंच तक नहीं बनी है।

यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संविधान के हिसाब से मंदिर निर्माण की बात की है, इस पर वीएचपी का क्या कहना है। इसके जवाब में उन्होंने अपनी असहमति जताते हुए कहा कि हम अपना प्रयास जारी रखेंगे ताकि पीएम मोदी समेत सत्ता में बैठे लोगों का मन बदल सकें। हम कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं कर सकते हैं। साथ ही राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून लाया जाए इसके लिए भी हम सरकार से आग्रह करते रहेंगे।

एससी, एसटी एक्ट में सरकार द्वारा किए बदलाव का हवाला देते हुए अलोक कुमार ने कहा कि सरकार के पास अधिकार है कि वो राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सके। अधिकांश सांसदों ने मंदिर निर्माण के लिए संसद द्वारा कानून बनाए जाने का समर्थन किया है।

वहीं उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का मंदिर निर्माण को लेकर प्रतिबद्धता हमें अच्छा लगा, लेकिन अध्यादेश को लेकर उनकी टाइमिंग गलत है, हम उनको राय देंगे कि उसे बदलें और अध्यादेश अभी लेकर आएं।

उन्होंने कहा कि अमेठी और रायबरेली के लोगों ने राम मंदिर के मुद्दे पर वहां के सांसदों से मिलने का समय मांगा है, जब वो समय देंगे तब मुलाकात की जाएगी। अलोक कुमार ने बताया की हमने राम मंदिर निर्माण को लेकर 350 से ज्यादा सांसदों से मुलाकात की है और सभी ने अपना-अपना समर्थन जताया है।