उत्तराखंड भाजपा में भी चाटूकारिता चरम पर ? सीएम की जीत के लिए अकेले पूजा कैसे बन रही सुर्खियां ?

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आमतौर पर भाजपाई कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को चम्म्चे कहकर संबोधित करते हैं, लेकिन उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी बड़े बड़े अखबारों में ऐसी खबरें छपवा रहे हैं, जिन्हें देखकर सीधे चाटूकारिता और चम्मचागिरी ही ध्यान में आती है। ताजा मामला है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के चुनाव लड़ने से पहले ही हो रही पूजा अर्चनाओं का, जिसमें स्थानीय नेता एक पुजारी जी के साथ पहुंचकर, फोटो खिंचवाकर बड़े बड़े अखबारों में खबरें लगवा रहे हैं।

खबर में दर्शाई गई तस्वीर

ऐसी ही एक खबर एक बड़े अखबार राष्ट्रीय अखबार की वेबसाइट पर भी दिखी, जिसमें जानकारी दी गई कि किस तरह से डुंडा ब्लॉक के ज्येष्ठ प्रमुख गिरिश भट्ट ने मुखबा गांव में पहुंचकर मां गंगा की पूजा अर्चना कर उन्हें इसलिए खुश किया ताकि मां गंगा इस बार इलाके से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को इस इलाके से चुनाव जितवा दें।

इस खबर में जो स्थानीय नेता द्वारा पूजा करवाने की तस्वीर भी लगाई गई है, वो भी अपनी कहानी बयां कर रही है, दो पंडित हैं और सिर्फ नेता गिरीश भट्ट जी। मानो लग रहा है कि इस कार्य के लिए इलाके के ज्येष्ठ नेता जनता को साथ लेकर, उन्हें सीएम के कार्य समझाने की बजाए, पूर्णतया मां गंगा की पूजा पर ही भरोसा कर, अकेले ही पूजा करवाने पहुंच गए। मां गंगा की पवित्रता और उनके आशिर्वाद की महिमा में हम सभी की आस्था है, लेकिन सवाल फिर भी उठ ही गए।

क्या इस नेक कार्य के लिए अकेले ही पूजा करवाई गई ?

जनता नहीं तो 5-10 स्थानीय नेताओं को ही साथ क्यों नहीं लिया होता !

क्या इस पूजा के लिए बाकायदा अखबार के पत्रकार को निमंत्रण दिया गया था ?

या फिर ये खबर भाजपा उत्तराखंड में बढ़ता चाटूकारिता वाला राजनीतिक स्टंट ही दर्शा रही है था?

राजनीति में संभव तो ये भी है कि नेताजी को अचानक विचार आया हो और उन्होंने आव देखा ना ताव पूजा करवा डाली। लेकिन फिर भी सवाल उठता है कि फोटो सहित खबर करने पत्रकार को कैसे पता चला ?

ये ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के दिग्गजों और अभी अभी मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाले स्वयं तीरथ सिंह रावत को भी तलाशने चाहिएं।

इंडियाग्राम न्यूज़ ने सोशल मीडिया पर ज्येष्ठ प्रमुख डुण्डा गिरीश भट्ट को तलाशना शुरु किया, तो उनके नाम से एक फेसबुक पेज दिखलाई पड़ा @girishbhattofficial

जिसका नाम Girish Bhatt BJYM के नाम से था और इस पेज में पिछले एक डेढ़ महीने से कोई एक्टिविटी दिखलाई नहीं पड़ी। संभव है कि कोरोना काल में पोस्टर्स बनाने वाला ग्राफिक डिजाइनर किसी कारणवश उपस्थिती दर्ज ना करवा पाया हो।

प्रोफाइल में जानकारी दी गई थी कि ये पहले ABVP से जुड़े थे, फिर भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े रहे हैं और वर्तमान में उत्तरकाशी के डुण्डा में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख-डुण्डा, हैं साथ ही, भटवाड़ी धनारी क्षेत्र पंचायत के सदस्य भी हैं।

आखिर कैसे संभव है पंचायत स्तर के प्रमुख मुख्यमंत्र के लिए पूजा करवाने जाएं, और वो भी अकेले। हालांकि ये जानकारी अभी तक उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर भी अपडेट नहीं की है, ना ही खबर छापने वाले पत्रकार ने भी ऐसा कुछ दर्शाया है।

ऐसी खबरों की वजह क्या ? क्या वाकई उत्तराखंड भाजपा में सिर्फ चाटूकारिता चलती है ?

ऐसी खबरें भाजपा उत्तराखंड के नेताओं, प्रभारी या मुख्यमंत्री के साथियों को कैसी लगती हैं, पता नहीं, किन्तु अगर स्थानिय नेता इस प्रकार से अकेले ही पूजा करवाकर खबरें छपवा रहे हैं,  तो ये कहीं ना कहीं प्रदेश में चल रहे चाटूकारिता के ट्रेंड को दर्शा रहा है। ऐसी खबरें, बड़े नेताओं को शॉर्टकट से खुश कर अपने नंबर बनाने की प्रथा पर मुहर लगवाती दिख रही है। ऐसी प्रथा भारतीय जनता पार्टी में कब बनी, पता नहीं, लेकिन अगर बन गई है तो फिर ये इशारा कर रही है कि पार्टी के कामों में कहीं ना कहीं कोई खामी जरुर आई है।