दुमका के गोलपुर गांव में आदिवासी समाज के किसानों ने अच्छी बारिश की कामना को लेकर मेंढक-मेंढकी की शादी करायी. इस दौरान पूरा माहौल शादी-विवाह जैसे ही रहा. गाजे-बाजे के साथ बाराती मेंढकी के गांव पहुंचे. इस दौरान विधि-विधान से शादी संपन्न हुआ।
बारिश की कामना को लेकर किसानों ने मेंढक-मेंढकी की रचाई शादी
दुमका जिले के मसलिया प्रखंड क्षेत्र स्थित गोलबंधा पंचायत के गोलपुर गांव में आदिवासी समाज के किसानों ने बारिश होने की कामना को लेकर मंगलवार को मेंढ़क और मेंढ़की की विधि-विधान से शादी करायी. मसलिया में लगातार दूसरे साल ऐसा विवाह रचाया गया. दरअसल, क्षेत्र के किसान बारिश नहीं होने से चिंतित हैं. इसको लेकर विभिन्न तरह के पूजा-पाठ, टोटका अपना रहे हैं.
गाजे-बाजे के साथ मेंढक-मेंढकी की हुई शादी
गाजे-बाजे के साथ मेढ़क की शादी ग्रामीणों ने कराई, एक तरफ मेढ़क बर बना, वर पक्ष विधि-विधान के साथ बारात लेकर आए, तो दूसरी ओर मेढ़की के पक्ष की ओर से शादी की सारी रस्में पूरी की गई, ग्राम प्रधान शिवधन हेम्ब्रम के नेतृत्व में गोलपुर में एक विवाह का आयोजन किया गया.
बारातियों का हुआ जोरदार स्वागत
वर पक्ष गोलपुर के पुड़वाद टोला निवासी राम मुर्मू ने गाजे-बाजे के साथ तथा सगे-सबंधियों के साथ कन्या पक्ष गोलपुर गांव के तालटोला निवासी ग्राम प्रधान शिवधन हेम्ब्रम के घर पहुंचे बारातियों के आगमन पर अन्य पक्ष की ओर से भव्य स्वागत किया गया।
विधि-विधान से हुई शादी
आदिवासी समाज में किये जाने वाले सभी विधि-विधान को पूरा कराया गया, जिसके बाद माझी थान स्थित मंडप में नायकी राम मुर्मू जगमजी बाबूधन हेम्ब्रम ने आदिवासी रीति-रिवाज से मेढ़क संग मेढ़की का विवाह संपन्न कराया, मेढक के विवाह को देखने पंचायत के सभी सदस्य सहित कई गांवों के लोग पहुंचे थे।
मेंढक-मेंढकी की शादी के बाद अच्छी बारिश की ग्रामीणों ने जतायी संभावना
ग्राम प्रधान शिवधन हेम्ब्रम ने कहा कि मेंढक का विवाह हमने इसलिए कराया क्योंकि इस विवाह के ही जाने पर बारिश होने की पूरी संभावना होती है. श्रावण माह के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी क्षेत्र में बारिश नहीं होने से खेती शुरू नहीं हुई है. आदिवासी समाज में मान्यता है कि मेढ़क की शादी कराने से बारिश होती है. पिछले साल भीमेढ़क के विवाह के बाद बारिश हुई थी. निश्चित रूप से इस विवाह के बाद बारिश होगी. इस मौके पर नायकी राम मुर्मू, जगामाजी बाबूधन हेम्ब्रम, प्रकाश सोरेन, जोनास हेम्ब्रम, सावित्री मुर्मू सहित सैकड़ों की संख्या में क्षेत्र के लोग मौजूद रहे।
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