खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा की खेलो इंडिया योजना के तहत “ग्रामीण एवं स्वदेशी/जनजातीय खेलों को बढ़ावा देना” देश के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित व प्रदर्शित करने के प्रति समर्पित है।
‘खेल’ राज्य का विषय होने के कारण जनजातीय समुदाय के बच्चों को पारंपरिक खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाने में समर्थ बनाने के उद्देश्य से जनजातीय इलाकों सहित देश में खेलों को बढ़ावा देने और विकसित करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संबंधित राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश की सरकारों की है। केन्द्र सरकार महत्वपूर्ण कमियों को दूर करके राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के इन प्रयासों में पूरक बनती है। हालांकि, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय जनजातीय क्षेत्रों सहित देश भर में खेलों के विकास के लिए निम्नलिखित योजनाओं को लागू करता है।
- खेलो इंडिया- खेलों के विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम
- राष्ट्रीय खेल संघों को सहायता
- अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं एवं उनके प्रशिक्षकों को विशेष पुरस्कार
- राष्ट्रीय खेल पुरस्कार
- मेधावी खिलाड़ियों को पेंशन
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खेल कल्याण कोष
- राष्ट्रीय खेल विकास कोष
- भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से खेल प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन
- उपरोक्त योजनाओं का विवरण इस मंत्रालय और भारतीय खेल प्राधिकरण की वेबसाइटों पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।
- इसके अलावा खेलो इंडिया योजना के विभिन्न घटकों में से एक, “ग्रामीण एवं स्वदेशी / जनजातीय खेलों को बढ़ावा देना”, विशेष रूप से देश के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित व प्रदर्शित करने के प्रति समर्पित है।
साथ ही, युवा कार्यक्रम विभाग नेहरू युवा केन्द्र संगठन (एनवाईकेएस) के माध्यम से जनजातीय इलाकों सहित देश भर के 623 जिलों में ग्रामीण युवाओं के बीच खेल संस्कृति को विकसित करने हेतु खेल को बढ़ावा देने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इसके दो घटक हैं, यानी,
(i) युवा मंडलों को खेल किट प्रदान करना- इस कार्यक्रम के तहत, चयनित एनवाईके युवा मंडलों को खेल किट प्रदान की जाती हैं ताकि वे नियमित रूप से विभिन्न खेल गतिविधियों का आयोजन कर सकें।
(ii) प्रखंड एवं जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन- एनवाईकेएस प्रखंड एवं जिला स्तर के युवा मंडलों के बीच खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करता है।
एनवाईकेएस गृह मंत्रालय के वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभाग के सहयोग से जनजातीय युवाओं का आदान – प्रदान कार्यक्रम लागू कर रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों के जनजातीय युवाओं को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति संवेदनशील बनाना, उन्हें विविधता में एकता की अवधारणा की सराहना करने में समर्थ बनाना, देश के अन्य हिस्सों में हो रही विकास की गतिविधियों एवं तकनीकी/औद्योगिक उन्नति से अवगत कराना, अपनी जरूरतों के बारे में उनकी समझ को बढ़ाकर तथा करियर संबंधी आवश्यक परामर्श प्रदान करके उनके व्यक्तित्व का विकास करना है। जनजातीय युवाओं के आदान-प्रदान कार्यक्रम के दौरान, पारंपरिक खेलों का प्रदर्शन भी किया जाता है। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।