ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने आतंक के अड्डों को करा नेस्तनाबूत

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‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की हैl सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने यह कार्रवाई उस समय की, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश फैला हुआ था।
इस हमले में कुल 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इसके ठीक दो हफ्ते बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए यह रणनीतिक हमला किया। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, यह ऑपरेशन पूरी तरह से सटीक खुफिया जानकारी पर आधारित था। एयर स्ट्राइक में कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया—जिनमें से 4 पाकिस्तान में और 5 POK में स्थित थे।

जिन ठिकानों पर हमला किया गया, उनमें शामिल हैं:

जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने:

मरकज सुभान अल्लाह (बावलपुर)
सरजाल (तेहरा कलां)
मरकज अब्बास (कोटली)
सैयदाना बिलाल शिविर (मुजफ्फराबाद)

लश्कर-ए-तैयबा के अड्डे:

मरकज तैयबा (मुरीदके)
मरकज अहले हदीस (बरनाला)
श्ववाई नाला शिविर (मुजफ्फराबाद)

हिजबुल मुजाहिदीन के प्रशिक्षण केंद्र:

मकाज राहील शहिद (कोटली)
महमूना जोया (सियालकोट)

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए कहा,“भारतीय सशस्त्र बलों ने आज तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकवादी ढांचों पर कार्रवाई की। ये वही ठिकाने थे जहाँ से भारत पर आतंकी हमलों की साजिश रची जाती थी।” मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई “केंद्रित, नियंत्रित और गैर-उत्तेजक” थी। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया है।

जानकारों के मुताबिक, इन आतंकवादी अड्डों की सुरक्षा और प्रशिक्षण में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और उसकी स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) की भूमिका भी रही है। ये कैंप सिर्फ आतंकवादियों के ठहरने और प्रशिक्षण के लिए नहीं, बल्कि भारत पर हमलों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए भी इस्तेमाल किए जाते थे। भारत की यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश है—आतंकवाद किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ एक सैन्य प्रतिक्रिया है, बल्कि यह आतंक के खिलाफ भारत की नीति को और अधिक मजबूती से स्थापित करता है।