आपदा में अवसर का मंत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने दिया, लेकिन कुछ लोग इसको गलत तरीके से इस्तेमाल करने में जुट गए। आरोप है कि उत्तराखंड की भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चे की प्रदेश मंत्री रीना गोयल ने बेटों के साथ मिलकर कोरोना आपदा में मृत एक क्लीमेंट टाउन निवासी पति-पत्नी की जमीन को कब्जाने की कोशिश की। लेकिन देहरादून पुलिस ने मामले की जानकारी मिलते ही कार्यवाही कर भाजपा के प्रदेश महिला मोर्चे की मंत्री रीना गोयल को उनके बेटों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
इस बात में कोई शक नहीं कि भाजपा नेत्री द्वारा किया कब्जे के आरोप पूर्णत: निंदनीय कृत्य है, लेकिन इसी के साथ उसकी राजनीतिक पहुंच होने के बावजूद तुंरत गिरफ्तारी कहीं ना कहीं, उत्तराखंड पुलिस विभाग के द्वारा निष्पक्ष कार्यवाही किए जाने का भी संकेत देती है।
जानकारी के मुताबिक क्लीमेंट टाउन क्षेत्र में पिछले महीने एक बुजुर्ग दंपत्ती स्व. डी के मित्तल और उनकी धर्मपत्नी स्व. सुशीला मित्तल की मृत्यु हो गई थी और उनका पूरा परिवार विदेश में रहता है। आरोप है कि ऐसी विषम और संवेदनशील आपदा की परिस्थिती में भाजपा महिला मोर्चे की प्रदेश मंत्री रीना गोयल धर्मपत्नी धीमान, निवासी, सी-13 रोड क्लीमेंट टाउन ने अपने बेटों लव्य गोयल और ऋषभ गोयल एवं दो अन्य युवकों को साथ लेकर मृतक मित्तल दंपत्ती के गुरु नानक रोड पर स्थित गर में घुसकर वहां कब्जा करने का प्रयास किया।
मृतक बुजुर्ग के नाम पर ट्रस्ट बनाकर कर रहे थे कब्जा
पुलिस को जब इस पूरे मामले की जानकारी ईमेल एवं फोन से मिली तो देश की टॉप मानी जाने वाली देहरादून पुलिस ने तुरंत कार्यवाही करते हुए पहले तो भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री एवं अन्य को वहां से शांतिपूर्ण लौटने की अपील की, लेकिन जब नहीं माने तो उन्हें गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया गया।
हकीकत में दिखा तीरथ रावत सरकार का जीरो टोलरेंस फॉर्मूला
सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चे की प्रदेश मंत्री होने के दावे करते हुए अभियुक्त ने पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश भी की, लेकिन सीएम ऑफिस से पहले ही दिए गए जीरो टोलरेंस के निर्देशों के तहत, अभियुक्तों को तुरंत गिरफ्तार कर लिय गया।
पार्टी से बेदखल की गईं अवैध कब्जे की आरोपी रीना गोयल
मामला सामने आने के साथ ही भाजपा ने रीया राय को पार्टी के सभी पदों से निष्काषित करते हुए, भारतीय जनता पार्टी द्वार जीरो टोलरेंस का उदाहरण किया है।
उत्तराखंड भाजपा में कितने भूमाफिया
रीना गोयल को तो भाजपा ने निष्काषित कर दिया है, लिकन सवाल ये है कि उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी में ऐसी कितनी दीमक लगी है, जो प्रदेश में जनता का समर्थन एवं विकास करवाने की बजाए, भूमाफिया बन गरीबों, मजबूरों को सता रही है। सवाल ये भी है कि क्या मुख्यंत्री तीरथ सिंह रावत और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक इस खुलासे के बाद क्या कदम उठाते हैं ?